ललितेशपति त्रिपाठी जैसे जनप्रतिनिधि की जरूरत

( 10912 बार पढ़ी गयी)
Published on : 14 Feb, 16 09:02

 ललितेशपति त्रिपाठी जैसे जनप्रतिनिधि की जरूरत एक समय ऐसा था, जब हम चुनाव के समय प्रचार में आए हुए नेताओं के काफिले के पीछे पोस्टर और बिल्ला के लिए भागते थे। अगर किसी नेता के उस काफिले में बिल्ला नही मिलता था, तो वो मेरे लिए सबसे खराब नेता रहता था। और जिस नेता से बहुत सारे पोस्टर और बिल्ले मिलते थे, वो देश का सबसे अच्छा नेता उस समय मेरी नजरों में होता था। राजनेताओं की छवि अपने बचपन में हम इसी तरह से आकते थे।
समय बीतता गया और आंकलन में परिवर्तन आना लगा था। वक्त के साथ परिवर्तन तो सबके लिए लाजमी है। जब कुछ समझदारी की दहलीज पर आए तो नेताओं की छवि का आंकलन करना फिल्मों से शुरू कर दिया था।
दक्षिण भारतीय फिल्मों में नेताओं की छवि ऐसी दिखाई जाती है जिसे देख मै तो इकदम से प्रफुल्लित हो जाता था। जब कोई अभिनेता कहता कि हम इस क्षेत्र के विधायक हैं। और 15 से 20 गाड़ियों में भरे लोग घूमते रहते है।
सबसे अच्छा दृश्य इन फिल्मों में चुनाव का होता है। विधायक की ऐसी छवि फिल्मों में देखने के बाद जब मै मतदान की उम्र में पहुंचा तो अधिकांश नेताओं की छवि वैसी ही देखने को मिली। बिल्ले और पोस्टर पर कोई नेता मेरी नज़रों में अच्छा नही होता था। वैसे वादे तो हर नेता करते हैं। पूरा बहुत ही कम लोग करते हैं।
लेकिन इस दौर में भी जहां बुराई होती है, वहां अच्छाई भी होती है। ऐसा ही कुछ मुझे देखने को मिला है। नेताओं की जो तश्र्वीर मेरे दिलों दिमाग पर बचपन से छाई हुई थी। वो मेरे मीरजापुर के सफर में समाप्त हो गई।
उत्तर प्रदेश के जिला मीरजापुर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र मड़िहान से विधायक ललितेशपति त्रिपाठी से मिलने के बाद रील की और रियल की दुनिया में अभी तक जो नेताओं को मैने देखा था, उनसे मिलने के बाद कुछ देर तक मैं भौचक्का रह गया था। मुझे लग ही नही रहा था किसी विधायक से मिला हूं।
बहुत ही साधारण तरीके से मै उनसे मिला था। नेतागीरी का कोई दिखावा नही। काफिले में सिर्फ उनकी अकेली गाड़ी। सुरक्षा के नाम पर अपने भौकाल के लिए विधायक खुद के सुरक्षा गार्ड रख लेते है। जो गाड़ी के रुकते ही बंदूक लेकर खड़े हो जाते है। अब अपने विधायक का इतना रूतबा देखकर जनता मिलना भी चाहे तो डर के मारे इस सोच में पड़ जाती है कि मिलूं य नही। अपनी समस्या को प्रतिनिधि से कहूं या नही।
सात –आठ खड़े बंदूकधारी का डर उनको सताता रहता है। लेकिन विधायक ललितेशपति त्रिपाठी सभी विधायकों से अलग दिखें। मड़िहान की जनता से जिस तरह से वह मिलते हैं, देश में शायद ही कोई ऐसा नेता होगा। न कोई विधायक होने की धाक न ही कोई रूतबा। सिर्फ अपने क्षेत्र और जनता के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहना।
किसी भी समय मड़िहान की जनता अपनी समस्या को लेकर उनके पास पहुंच जाती है। जिसे सीधे विधायक जी सुनते हैं। क्षेत्र के लोग उनसे एक परिवार की तरह घुल मिल गए हैं। बच्चों से भी ललितेश का प्रेम देखने को मिला है। कभी –कभी खबरें आती है कि किसी नेता ने रास्ते में आए बच्चें पर पैर से मारा या फिर तमाचा मारा।
ऐसे में जब भी बच्चें उन्हें देखते हैं पास आकर विधायक जी कहकर टॉफी मांगने लगते हैं। और बच्चों की इस फरमाइश को वो अच्छे से पूरा भी करते हैं। मड़िहान जैसे पिछड़े क्षेत्र को विकास के रास्ते पर लाने का काम शुरू हो चुका है। कहते हैं कि चुनाव के बाद नेता और जनता के संवाद में सिर्फ मीडिया का सहारा होता है।
पर मड़िहान में नेता से जनता सीधे संवाद कर रही है। जनता और नेता के बीच बनी को विधायक जी ने तो पूरी तरह से ढ़क दिया है। क्षेत्र के लोग जिस तरह से ललितेशपति त्रिपाठी की सराहना करते हैं उसे देखकर यहा लगता है कि वो उनके कार्यकाल को लेकर काफी खुश हैं। खुश भी क्यों न हो अपने प्रतिनिधि को हमेशा क्षेत्र में ही पाते हैं?
एक फोन पर खुशी हो या गम़ हर कार्यक्रम में अपने दरबार पर बुला लेते हैं। और विधायक जी स्वंय वहां पर पहुंचते हैं। क्षेत्र के विकास और उनके कार्यकाल को देखते हुए ललितेशपति त्रिपाठी को इस वर्ष पुणे में भारतीय छात्र संसद द्वारा आदर्श युवा विधायक के रुप में सम्मानित किया गया है। पूरे उत्तर प्रदेश के विधायकों में से इस सम्मान के लिए सिर्फ ललितेशपति त्रिपाठी को चुना गया है। आखिर कुछ तो बात है। प्राय: आज कल के प्रतिनिधि जब चुनकर आते है तो क्षेत्र का कम अपना भला ज्यादा सोचते हैं। मड़िहान में महीनों भर के भ्रमण में मुझे जनता और प्रतिनिधि की बातें ही देखने को मिली हैं।
ललितेशपति त्रिपाठी मड़िहान जैसे पिछड़े क्षेत्र पर विकास की गाड़ी दौड़ाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। जिसे देखते हुए यह कहना उचित होगा कि उत्तर प्रदेश के विकास में ललितेशपति त्रिपाठी की बहुत जरूरत है। साथ ही उनके जैसे प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं की।


साभार : ravi21dec1987@gmail.com


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.