वार्षिक ध्वजारोहण, पूजन, रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन

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Published on : 12 Feb, 16 07:02

कुशल वाटिका तृतीय वर्षगांठ में उमडा श्रद्धा का सैलाब

वार्षिक ध्वजारोहण, पूजन, रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन बाडमेर परम पुज्या डॉ. विद्युतप्रभा श्री जी म.सा. की पावन प्रेरणा से अपनी गुरुवर्या प्रर्वतनी प्रमोद श्री जी महाराजा साहिबा की स्मृति में बनी भव्य कुशल वाटिका प्रागण में श्री मुनिसुव्रत स्वामी जिन मंदिर, नवग्रह मंदिर, दादावाडी, देवी -देव मंदिर, गुरुमंदिर की तृतीय वर्षगंाठ धुमधाम से हर्षोल्सास पूर्वक गुरुवार को सम्पन्न हुई।
श्री जिन कुशल सूरी सेवाश्रम ट्रस्ट के अध्यक्ष भंवरलाल जी छाजेड व महामंत्री मांगीलाल मालू ने बताया कि प्रातः ८.३० बजे सभी नौ मंदिरों में अठारह अभिषेक कार्यक्रम, ९.३० बजे सतरह भेदी पूजा, दोपहर २ बजे मुनिसुव्रत स्वामी महापूजन का आयोजन प.पू. तपस्वी मुनिराज आर्यरत्न सागरजी म.सा. की पावन निश्रा में पालीतणा प्रसिद्ध विधिकारक हेमन्त वैधमुधा व उदय गुरु द्वारा मन्त्रोचार सहित संगीतमय वातावरण में विधि-विधान से सम्पन्न करवाया गया।मुनिसुव्रत स्वामी महापूजन व अठठारह अभिश्ेाक में स्थानीय संगीतकार अषोक बोथरा व बाल कलाकार गौरव मालू ने भक्ति की रमझट जमाई।
ट्रस्ट के उपाध्याक्ष द्वारकादास डोसी व कोषाध्याक्ष बाबुलाल टी बोथरा ने बताया कि ११ बजे धर्मसभा का आयोजन हुआ जिसमें प.पू. आर्यरत्न सागर जी म.सा. ने बताया कि जिस तरह मनुष्य आज के युग में अपना जन्मदिन व शादि की सालगिरह मनाता है उससे कई गुना ज्यादा महत्व परमात्मा के वार्षिक ध्वाजारोहण का है इस दिन हमें परमात्मा के सन्मुख सांसारिक सुखों की कामना न करके अपने शुभ कर्मों का उदय हो, सद्गति मिले, सद्-बुद्धि मिले ऐसी कामना, भावना करनी चाहिये, यहां के मूलनायक मुनिसुव्रत स्वामी का प्रत्यक्ष प्रभाव है जिससे प्रत्येक शनिवार को सैकडों (लोग) श्रद्धालु दर्शन-पूजन करने आते है। और आज मैले जैसा वातावरण है।
धर्मसभा में मंदिर, दादावाडी आदि के वार्षिक चढावों का आयोजन हुआ, जिससे ट्रस्ट के अध्यक्ष भंवरलाल विरधीचन्द छाजेड, महामंत्री मांगीलाल आसुलालजी मालू, कोषाध्यक्ष बाबूलाल टी बोथरा, उपाध्यक्ष द्वारकादास डोसी,संघवी तेजराज गुलेच्छा, संघवी विजयराज डोसी, पारसमल धारीवाल रामजी के गोल वाले, हीरालाल धारीवाल चौहटन वाले ने सकृत कार्य म लाभ लिया।
ट्रस्ट के प्रचार मंत्री केवलचंद छाजेड ने बताया कि दोपहर १२ बजे कुशल वाटिका के मुख्य द्वार से नौ मंदिरों के ध्वजा लाभार्थी परिवारों के द्वारा ध्वजा को सिर पर धारण कर गाजे-बाजों के साथ झुमते-नाचते मुख्य मंदिर में लाया गया, जहां मुनिराज आर्यरत्न सागरजी म.सा. से वाक्षसेप लेकर सभी मंदिरों के शिखरों पर अष्टप्रकारी पूजा कर मंत्रोचार पूर्वक ऊँ पुण्याहृाम्-२ प्रियंताम्-२ की ध्वनी के साथ वार्षिक ध्वजारोण किया गया।
श्री जिनकुशल सूरी ट्रस्ट द्वारा स्वामीवात्सल्य का आयोजन किया गाया। जिसमें शहर के युवा मंडलों, महिला मण्डलों व बालिका मण्डलों का अनुमोदनीय सहयोग रहा, जिसकी ट्रस्ट मण्डल द्वारा सहराना कर आभार प्रकट किया गया।
हजारों श्रद्धालुओं की संख्या को देखकर पुन प.पू. उपाध्याय प्रवर गणाधीष मणिप्रभसागर जी म.सा. द्वारा माघ सुदी ३, १३ फरवरी २०१३ की भव्य अंजनशलका-प्रतिष्ठा की याद ताजा हुई।
कार्यक्रम में बाडमेर विधायक मेवाराम जैन, जैन श्री संघ के अध्यक्ष सम्पतराज बोथरा, अति. जिला कलक्टर ओ.पी.विश्नोई, ३७ बटालियन कमाडेन्ट रमेशकुमार, सेक्टर हेड क्वाटर आशुतोष, आयकर अधिकारी राकेश घींया, सी.टी.ओ. बी.एस. षेखावत, पूर्व सभापति उषा जैन, खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष रतनलाल संकलेचा, अचलगच्छ संघ के अध्यक्ष हनुमानचन्द बोहरा, गौपाल गौशाला के अध्यक्ष शंकरलाल पडाईया, धोरीमन्ना संघ के अध्यक्ष बाबुलाल लालण, आदिनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष रिखबदास मालू, रामजी की गोल के अध्यक्ष मांगीलाल वडेरा , सुरा सरपंच घेवरचंद सिंघवी सहित विभिन्न संस्थाओं के अध्यक्ष व पदाधिकारी व गणमान्य अतिथी, पत्रकार बन्धुओं सहित आस-पास के क्षेत्रों से हजारों ं श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

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