आईटी युग में मंगल गीतों की स्पर्धाएं सराहनीय ः कोठारी

( 7776 बार पढ़ी गयी)
Published on : 09 Feb, 16 17:02

महावीर जयंती पर सामूहिक विवाह में एक लाख लोगों की महाप्रसादी

आईटी युग में मंगल गीतों की स्पर्धाएं सराहनीय ः कोठारी उदयपुर । महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि आज के इस हाईटेक आईटी के भौतिकवादी युग में भी मंगल गीतों की स्पर्धाएं करवाई जा रही हैं, जो सराहनीय है। ऐसे कार्यक्रमों से ही हम अपनी परंपराओं को जीवित रख सकेंगे। हमारा देश संस्कृति प्रधान देश है, इसलिए यहां की संस्कृति को जीवित रखने में ऐसी स्पर्धाएं सहायक सिद्ध होंगी।
वे श्री महावीर युवा मंच संस्थान महिला प्रकोष्ठ की ओर से थोब की बाडी में आयोजित मंगल गीत प्रतियोगिता के समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
संस्थान के मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत ने कहा कि इस बार प्रकोष्ठ की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ८ मार्च को ५१ आदर्श सास-बहुओं का सम्मान किया जाएगा। संस्थान की ओर से लीप ईयर के कारण महावीर जयंती पर सामूहिक विवाह आयोजन होगा जिसका विशेष आकर्षण एक लाख लोगों की महाप्रसादी होगी। अध्यक्षता मनोहरसिंह नलवाया ने की। विशिष्ट अतिथि रणवीर मादरेचा थे।
प्रकोष्ठ की अध्यक्ष विजयलक्ष्मी गलुण्डिया ने बताया कि प्रतिमाह की १५ तारीख को यहां महिलाओं को हर रस्म पर गाए जाने वाले गीतों, जन्मोत्सव, तपस्या, लोकप्रचलित गीतों, पारंपरिक गीतों एवं प्रचलित धुनों पर आधारित गीतों का अभ्यास कराया जाता है। इसी के तहत प्रतियोगिता हुई। इसमें जैन समाज के करीब २५ ग्रुपों की १७५ से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया।
संयोजिका उर्मिला नागौरी एवं सुमन डामर ने बताया कि प्रस्तुतियों में बडी सादडी जैन मित्र मंडल ने पुरबज आया म्हारे अलिया-गलियां, प्रिया ग्रुप ने आ तो रूप् की भरयोडी, मरुदेवा मंडल ने आई आई रे रसीली घोडी, नवकार मंडल ने बन्ना जलेबी खिला दे, आकांक्षा ग्रुप ने चला चला रे बनासा, आदिनाथ ग्रुप ने ढूंढ ढुंढा लो बाबो सूंड, श्राविका संघ ने सुण सुण रे म्हारी कंवर लाडली, कोहिनूर ग्रुप ने खट्टा नींबू खट्टा कभी तो मीठा होगा..,पद्म श्री ग्रुप ने ब्याव रच्यो है म्हारे आंगणे, रिद्धि सिद्धि ग्रुप ने थू तो चाल घोडी चाल, जैन दिवाकर ग्रुप ने राजुल राणी लागे, रटोडया ग्रुप ने ओ प्यारे भैया तुम भात लेके आना, मंगलम ग्रुप ने कोरी कोरी कुलकी में, स्वीट सिस्टर ग्रुप ने कभी वीर बनके, कभी महावीर बनके, नाई मित्र मंडल ने बन्नाजी बुलाए, बन्नी नहीं आए, आदर्श ग्रुप ने सुणो लालजी, सुणो नंदलाल, मृगावती ग्रुप ने परदेशी परदेशी सुनो बन्ना आदि गीतों पर सुमधुर प्रस्तुतियां शामिल थीं।
श्रीमती गलुण्डिया ने बताया कि स्पर्धा दो चरणों में हुई। पहले चरण में २५ ग्रुप की १७५ महिलाओं ने हिस्सा लिया। इसके बाद टॉप सात ने दूसरे चरण में प्रवेश किया जिसमें कोहिनूर ग्रुप प्रथम, पार्श्वनाथ ग्रुप द्वितीय तथा मंगलम ग्रुप तृतीय रहे। विजेताओं को क्रमशः पांच हजार एक सौ, तीन हजार एक सौ तथा दो हजार एक सौ रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त सुरीली सखियां, आदिनाथ, दर्शना एवं पद्मश्री ग्रुप को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए। इन्हें एक हजार एक सौ रुपए प्रत्येक को प्रदान किए गए। निर्णायिकाएं बेला मुर्डिया, आशा कोठारी थीं। आरंभ में मंगलाचरण विजयलक्ष्मी गलुण्डिया ने किया। धन्यवाद प्रमिला दलाल ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन ज्यत्सना जैन ने किया।

© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.