लिटिल इंडिया में PM मोदी ने किया तोरण द्वार का उदघाटन

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Published on : 23 Nov, 15 15:11

लिटिल इंडिया में PM मोदी ने किया तोरण द्वार का उदघाटन सांस्कृतिक संबंधों की विरासत की मिसाल के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मलेशिया के प्रधानमंत्री दातो सिरी नजीब तुन रज़ाक ने आज लिटिल इंडिया में सांची के स्तूप की तर्ज पर बने तोरण द्वार का उदघाटन किया।

इस पर 11 लाख डॉलर से अधिक की लागत आई है। मोदी ने कहा कि यह केवल पत्थर की कलाकृति का टुकड़ा नहीं, बल्कि दो राष्ट्रों के बीच सेतु है। मोदी ने नजीब के साथ द्विपक्षीय चर्चा के बाद ब्रिक्सफील्ड में लिटिल इंडिया क्षेत्र में तोरण गेट का उदघाटन किया।

कुआलालंपुर में लिटिल इंडिया परियोजना शुरू किए किये जाने के प्रतीक के तौर पर पर इस गेटवे का निर्माण किया गया है, जिस पर 50 लाख रिंगिट (11 लाख डॉलर) की लागत आई है। इस अवसर पर मोदी की एक झलक पाने के लिए सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में भारतीय मूल के लोग एकत्र थे। मोदी ने कहा, तोरण गेट केवल पत्थर की कलाकृति का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह दो राष्ट्रों के बीच सेतु और दो महान संस्कृतियों का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तोरण गेट का उदघाटन दर्शाता है कि भारत-मलेशिया के संबंध केवल आर्थिक नहीं हैं, बल्कि सांस्कृतिक भी हैं। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में भारत और मलेशिया के रिश्ते और मजबूत और गहरे होंगे। उन्होंने कहा, बड़ी तादाद में सैलानी कुआलालंपुर आते हैं और लिटिल इंडिया भी आना चाहते हैं। अब वे तोरण गेट भी देखने आएंगे।

इस गेट को उन्होंने मलेशिया के साथ भारत के संबंधों का मील का पत्थर बताया। मोदी और रजाक ने उदघाटन के तौर पर रिबन काटा और वहां एक पट्टिका पर हस्ताक्षर किए। रजाक ने कहा कि यह गेटवे भारत का उपहार है और श्रम प्रेम का द्योतक है। यह दोनों देशों की जनता के संबंधों और मैत्री का प्रतीक है। साथ ही यह भारत और मलेशिया के बीच लंबे ऐतिहासिक संबंधों के उच्च बिंदु का सिंबल है। उन्होंने कहा, यह प्रतीकात्मक और सारवान है। यह जनता से जनता के बीच के सहयोग और पारस्परिक प्रभाव की निशानी है।

तोरण गेट विश्व विख्यात सांची स्तूप के तोरण द्वार की बौध कला से प्रभावित है। इसकी नक्काशी में प्राचीन भारतीय और इस्लामी कला का सामंजस्य है।
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