CS के बहाने कोर्ट का असल निशाना सरकार के निकम्मेपन पर

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Published on : 06 Oct, 15 19:10

रिफाइनरी जैसे भारत सरकार के प्रोजेक्ट को ठुकराना आश्चर्यजनक - गहलोत

पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का मानना है कि राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा कभी एसीबी तो कभी पुलिस प्रशासन के लिए और अब मुख्य सचिव के लिए दिन भर खड़ा रखने की जो टिप्पणी की गई है, असल में वो दो साल में इस सरकार के निकम्मेपन का एक निचोड के रूप मे है। मुख्य सचिव तो एक संकेत है। सरकार को कोर्ट का यह पर्याप्त संदेश है कि आज उसकी हालत क्या है। मेरी नजर में यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
श्री गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्य सचिव तो पद पर हैं मगर असल निशाना तो सरकार पर है, जो भारी बहुमत से सत्ता में आने के बाद आमजन की अपेक्षा के अनुरूप कार्य नहीं कर पाई है।
रिसर्जेन्ट राजस्थान को लेकर किये गये एक प्रश्न पर श्री गहलोत ने कहा कि हमारी दुआऐं हैं कि राजस्थान में निवेश आये, प्रदेश का भला हो, युवाओं को रोजगार मिले, हम उसका स्वागत करेंगे। लेकिन रिसर्जेन्ट राजस्थान की बात पहले भी हुई थी, तब 5-10 प्रतिशत निवेश भी नहीं आया था। उन्होंने कहा कि 40 हजार करोड़ रूपये का भारत सरकार का रिफाइनरी का प्रोजेक्ट राजस्थान के पचपदरा (बाड़मेर) में हम लेकर आये, लेकिन समझ में नहीं आता कि उसे क्यों ठुकराया जा रहा है, विवाद में डालने के पीछे मंशा क्या है?
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशक ऐसी बातों पर पूरी नजर रखते हैं। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी जैसे प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकारें तरसती हैं, जहां तेल निकलता है वहां की भी और जहां नहीं निकलता वहां की सरकारें भी। उनका कहना है कि मैंने नकारात्मक सोच की ऐसी सरकार कभी देखी नहीं, जिसने रिफाइनरी जैसे प्रोजेक्ट को विवाद में डाल दिया।
श्री गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय जितनी समाज कल्याण की योजनाऐं शुरू की गई थी, उन सबको या तो बंद कर दिया गया या फिर कमजोर कर दिया गया है। निःशुल्क दवा योजना को जहर बांटना बताने वाले आज खुद जहर क्यों बांट रहे हैं? जिस पेन्शन योजना को खैरात बताया गया था, आज उसे कमजोर कर दिया गया है। परिणामस्वरूप पीडित बुजुर्गों की मार्मिक तस्वीरें आज मीडिया की सुर्खियां बन रही हैं। राज्य सरकार की इस नकारात्मक सोच के कारण आज राजस्थान में हाहाकार मचा हुआ है।
भाजपाई नेता श्री घनश्याम तिवाडी के संबंध में किये गये प्रश्न पर श्री गहलोत ने कहा कि अब तक भाजपा के ही तीन विधायकों पर गोली चल चुकी है और एक मंत्री के बेटे पर हमला हो चुका है। एक निर्दलीय विधायक भी हमले का शिकार हो चुका है। अब श्री तिवाडी जैसे नेता जो अपना पूरा जीवन आरएसएस में खपा चुके हैं और मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं, उन पर हमला हुआ है, जो सुनियोजित षडयंत्र के बिना सम्भव नहीं है। बिना षडयंत्र के किसी कार्यकर्ता का ऐसा साहस नहीं हो सकता कि उनको हाथ भी लगा दे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जो सुरक्षा हमने हमारे समय में श्री तिवाड़ी को प्रदान की थी उसे वर्तमान सरकार द्वारा किन कारणों से हटाया गया।
एक अन्य प्रश्न पर श्री गहलोत ने कहा कि आरएसएस और भाजपा षडयंत्र के तहत देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में घुसपेठ कर रही है। अमृत्य सेन जैसे नौबल पुरस्कार विजेता को नालन्दा विश्वविद्यालय से जिस प्रकार बेईज्जत कर निकाला गया है, उससे इनके एजेन्डे को आसानी से समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अन्ततः अनेकता में एकता, संविधान की भावना और महात्मा गांधी के लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के संदेश के आधार पर ही यह मुल्क एक व अखण्ड रहेगा और इन तमाम लोगों के मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे।

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