रिलायंस पावर का मामला अदालत में

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Published on : 01 Aug, 15 08:08

नई दिल्ली । कोयला मंत्रालय और बिजली कंपनियों के बीच फिर से टकराव की शुरुआत हो गई है। हाल ही में कोयला मंत्रालय की तरफ से सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट (यूएमपीपी) से जुड़ी कोयला खदान के आवंटन को रद्द का मामला अब अदालत में चला गया है। अनिल अंबानी की रिलायंस पावर ने इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
मध्य प्रदेश स्थित सासन यूएमपीपी का संचालन रिलायंस पावर कर रही है। रिलायंस पावर के मुताबिक पिछले मई में मध्य प्रदेश स्थित छत्रसाल कोयला ब्लॉक के आवंटन को रद्द किया गया था। कंपनी ने कहा है कि सासन परियोजना की बोली के दौरान कंपनी ने जिन बिजली की दरों की पेशकश की हैं उसे कायम रखने के लिए छत्रसाल कोयला ब्लॉक से कोयले की आपूर्ति काफी अहम है। रिलायंस ने सासन यूएमपीपी से 1.19 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली देने की बोली लगाई थी।
कंपनी के मुताबिक सासन यूएमपीपी के लिए जो निविदा जारी की गई थी उसका आधार छत्रसाल खदान के साथ मोहर और मोहर अम्लोहरी एक्सटेंशन खदानों से कोयले की आपूर्ति करना था।
सरकार ने छत्रसाल कोयला ब्लॉक के आवंटन को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रद्द किया है जिसमें किसी एक यूनिट के लिए खदान से उत्पादित अतिरिक्त कोयले को किसी दूसरी यूनिट में व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है।
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