दलित अत्याचार निवारण समिति का अनिष्चितकालीन धरना १३ से

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Published on : 10 Jul, 15 08:07


बाडमेर, दलित अत्याचार निवारण समिति ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर दलितों पर उत्पीडन के आपराधिक प्रकरणों में पुलिस द्वारा कार्यवाही नही किए जाने पर रोश जताते हुए १३ जुलाई से जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी है।
दलित अत्याचार निवारण समिति के संयोजक उदाराम मेघवाल की अगुवाई में दलित समाज के लोगों ने गुरूवार को जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि बाडमेर जिले में दलित समुदाय के परिवारों पर आये दिन होने वाले जुल्मों की घोर अनदेखी की जाकर पीडतों के साथ नाइंसाफी की जा रही हैं। पुलिस के इस रवैये से दलित समुदाय मे जबरदस्त आक्रोश एवं विरोध हैं। ज्ञापन के मुताबिक भेडाणा की दलित सरपंच हस्तुदेवी मेघवाल, इटादा निवासी नबूदेवी पत्नी भंवराराम मेघवाल, बाडमेर आगोर निवासी बबरी देवी पत्नी बाबूलाल मेघवाल, श्रवणराम पुत्र गाजीराम जाति मेघवाल निवासी गुमाने का तला, अरूण पुत्र मनोज कुमार वाल्मिकी के अपहरण के मामले में पुलिस की ओर से आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही है। इनमें से कुछ मामलों में पीडत पक्ष के खिलाफ मामले दर्ज किए गए है। वहीं कुछ मामलों में धारा १६४ सीआरपीसी के बयान दर्ज होने के बाद भी आरपियों की गिरफतारी नहीं हो पाई है। ज्ञापन में बताया कि बाडमेर जिले के अनुसूचित जाति एवं जन जाति के निवार्चित महिला जन प्रतिनिधियों, अन्य महिलाओं और गरीब लोगों पर आए दिन अत्याचारों की घटनाओं में लगातार वृद्वि हो रही है। पुलिस प्रशासन में दर्ज प्रकरणों में कोई त्वरित एवं न्यायिक कार्यवाही नहीं होने से इस वर्ग में भारी असंतोष एवं भय व्याप्त है। ज्ञापन में आरोप लगाया कि उत्पीडन की घटनाओं की पुलिस लगातार अनदेखी कर पहुंच वाले लोगों को सरंक्षण दे रही हैं। अतः पुलिस के इस रवैये से नाराज होकर दलित समुदाय के लोग सोमवार से बेमियादी धरना देंगे। ज्ञापन में इन प्रकरणों के आरोपियों को तत्काल गिरफतार कर पीडतों को न्याय एवं सहायता दिलाने एवं लापरवाह बरतने वाले अनुसंधान अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग की गई है।



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