250 करोड़ का काम करने वाली कम्पनी जांच के घेरे में

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Published on : 26 May, 15 20:05

कोटा चम्बल की नहरों के जीर्णोद्धार का काम करने वाली गुजरात की ठेका फर्म भी जांच के दायरे में आ गई है। ठेका फर्म ने करोड़ों के जीर्णोद्धार के काम तो ले लिए, लेकिन कार्य क्षमता नहीं होने के कारण पेटी कान्ट्रेक्ट पर निर्माण कार्यों को अन्य ठेकेदारों को (सबलेट) दे दिया, जिन्हें नहरों के पेवर लाइनिंग का अनुभव नहीं था। एेसे में ठेकेदारों ने नहरों में घटिया निर्माण कर दिया है। इसकी पोल जल संसाधन मंत्री के नहरों के निरीक्षण के दौरान खुल चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि गुजरात की फर्म को पहले चरण में 150 करोड़ से नहरों के पक्के काम करने का कार्यादेश दिया गया था। कम्पनी ने ज्यादातर कार्य अन्य ठेकेदारों को सबलेट कर दिया। स्थानीय अधिकारियों के पास इसकी शिकायतें आने के बाद भी उन्होंने मामला दबा कर फर्म को लाभ पहुंचाया। कम्पनी ने बाईं और दाईं मुख्य नहर तथा डिस्ट्रीब्यूटरी पर 250 करोड़ से अधिक के काम किए हैं। शिकायतों के बाद सीएडी प्रशासन ने दोनों नहरों के सभी जीर्णोद्धार के कार्यों को जांच के दायरे में लिया है। अधिकारियों की टीम ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की पड़ताल शुरू कर दी है। मंत्री के दौरे के बाद सीएडी के मुख्य अभियंता ने सोमवार को दाईं मुख्य नहर का दौरा कर कार्यों की स्थिति देखी।
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