आधे पैकेज पर सरकारी जॉब में आए

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Published on : 25 May, 15 12:05

जोधपुर, शहर के एक साधारण परिवार में जन्मे और फिलहाल अहमदाबाद में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गुजरात मिनरल्स डवलपमेंट कॉर्पोरेशन (जीएमडीसी) में अकाउंटिंग एंड बजटिंग डिपार्टमेंट के हैड पवन भूतड़ा (45) को केंद्र सरकार ने सीएमए यंग अचीवर अवार्ड-2014 के लिए चुना है। पवन को इस अवार्ड के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसएन धींगरा के नेतृत्व वाली ज्यूरी ने इसलिए चुना, क्योंकि वे पिछले तीन साल से कंपनी के सालाना औसतन 100 करोड़ रुपए बचा रहे हैं। अवार्ड समारोह 29 मई को नई दिल्ली में होगा।
1. डायनेमिक प्राइसिंग सिस्टम| रेवेन्यूलीकेज रोकने के लिए ग्राहकों से माइन क्लोजर चार्ज वसूली शुरू करवाई। इससे हर साल करीब 70 करोड़ मिलने लगे।
कस्टमर, कर्मचारी और कॉस्टिंग का सिस्टम बना कर पवन ने बचाए करोड़ों रुपए
पवन के पिता जालोरी गेट निवासी कन्हैयालाल भूतड़ा एक स्कूल में ऑफिस अटेंडेंट रहे, मां कमला देवी टीचर। उन्होंने पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। पवन पहले प्रयास में ही सीए बने। कंपनी सेक्रेटरी परीक्षा में उनकी देश में चौथी और आईसीडब्ल्यूएआई (अब इंस्टी. ऑफ कॉस्ट मैनेजमेंट एकाउंटिंग यानी आईसीएमए) परीक्षा में प्रदेश में पहली मेरिट थी।
3. स्टैंडर्ड कॉस्टिंग सिस्टम| कंपनीके टारगेट हासिल करने में सहायक हर पहलू के लिए अलग-अलग स्ट्रेटजी बना कर काम किया।
2. टाइम वर्क स्टडीज| प्रत्येकएंप्लॉई के वर्कलोड का आकलन किया। जिनके पास ज्यादा भार था, उनसे काम लेकर कम भार वालों को दिया। इससे सभी की कार्यक्षमता बढ़ी।
पवन ने दिल्ली मेट्रो के प्रथम तीन चरण पूरे करने वाली जर्मनी की कंपनी बाेम्बार्डियर ट्रांसपोर्टेशन का सालाना 45 लाख रुपए का पैकेज छोड़ जुलाई 2012 में जीएमडीसी में 27 लाख पैकेज पर जॉइन किया। पवन बताते हैं कि बोम्बार्डियर के काम से गुजरात के तत्कालीन वित्त सचिव से मिलना होता था। वे कहते थे कि देश के लिए कुछ करो। उनकी बात दिल-दिमाग में घर कर गई। हालांकि परिवार के ज्यादातर सदस्यों ने उन्हें मूर्ख करार दिया, लेकिन पत्नी संजना और माता-पिता ने हौसला बढ़ाया।
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