मनरेगा की गड़बड़ी रोकने में अफसरों की रुचि नहीं

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Published on : 24 May, 15 12:05

भीलवाड़ा, महात्मा गांधी नरेगा योजना में गड़बड़ियां रोकने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम (एमएमएस) शुरू करने के निर्देश तो जारी कर दिए लेकिन अफसरों ने इसमें कोई रुचि नहीं ली। इस पर महात्मा गांधी नरेगा आयुक्त रोहितकुमार ने भी सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है।
इस पत्र में बताया गया है कि जिले की चार पंचायत समितियों की 40 ग्राम पंचायतों में टेबलेट पीसी खरीदने के लिए दो लाख 75 हजार रुपए का बजट दिया था। इसके बावजूद टेबलेट पीसी खरीदकर नरेगासॉफ्ट से नहीं जोड़ा गया। अभी तक बांसवाड़ा में एक, भीलवाड़ा में 19, जयपुर जोधपुर में दो-दो पंचायतों में ही टेबलेट खरीदकर नरेगा सॉफ्ट से जोड़ा गया है। उन्होंने अब 30 मई तक हर हाल में डिवाइस खरीदकर नरेगासॉफ्ट पर पंजीयन कराने के निर्देश दिए हैं। अगर इस तारीख तक डिवाइस नहीं खरीदा गया तो स्वीकृत की गई राशि निरस्त कर दी जाएगी।
पैसे देने के बावजूद भी मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम के लिए नहीं खरीदे टेबलेट पीसी
ग्रामपंचायतों के रोजगार सहायक को टेबलेट पीसी दिया जाएगा। इसमें मनरेगा का एप डाउनलोड होगा और इसे जीपीएस से कनेक्ट किया जाएगा। इससे फायदा यह होगा कि पंचायत समिति जिला परिषद कार्यालय में बैठे बैठे भी मनरेगा कार्यस्थल पर हो रहे काम को देखा जा सकेगा। जिले में 55 टेबलेट पीसी खरीदने के लिए दो लाख 75 हजार रुपए की राशि स्वीकृत हो गई है। इस राशि से जिले के रायपुर, कोटड़ी, शाहपुरा जहाजपुर क्षेत्र की दस-दस ग्राम पंचायतों में यह मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम शुरू करना है लेकिन यह अभी पूरा नहीं हुआ।
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