‘जंग-केजरी मामले में जारी नोटिफिकेशन है गैरकानूनी’

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Published on : 24 May, 15 10:05

दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार के बीच आपसी खींचतान को लेकर संविधान विशेषज्ञ भी अपनी-अपनी राय पेश कर रहे है। पूर्व महाधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम ने दिल्ली सरकार के नौकरशाहों की नियुक्ति और तबादले पर उपराज्यपाल के अधिकारों को लेकर जारी केंद्र सरकार की अधिसूचना को संवैधानिक नहीं ठहराया है।
उन्होंने कहा है कि इस मामले पर राष्ट्रपति विचार कर रहे है लिहाजा अधिसूचना असंवैधानिक है। केजरीवाल को संबोधित नौ पृष्ठों की राय उन्होंने भेजी है। दिल्ली कैबिनेट की बैठक में इसपर चर्चा भी की गई। केजरीवाल ने गोपाल सुब्रह्मण्यम से गृहमंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना पर उनसे राय मांगी थी। जवाब में सुब्रह्मण्यम ने कहा कि अधिसूचना में औचित्य का अभाव है। केंद्र शासित प्रदेश को जारी किया जाने वाली िकसी भी अधिसूचना को राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा होती है। इस्तीफा भी राष्ट्रपति के नाम होता है। सीएम की सलाह पर ही मंत्रिमंडल की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। इसमें एलजी की अहम भूमिका नहीं होती।
अदालत भी जा सकती है दिल्ली सरकार
जिस तरह से ‘आप’ सरकार कानून विशेषज्ञों से राय ले रही है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार पूरे मसले को लेकर अदालत का भी दरवाजा खटखटा सकती है। सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से गृहमंत्रालय से अधिसूचना जारी की गई और चुनी हुई सरकार को नजरअंदाज किया गया इसपर अदालत का दरवाजा खटखटाना ही अंतिम उपाया है। केंद्र का दखल असंवैधानिक है।
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