महाराणा का रूप धार - खुद एकलिंग अवतार हुआ ..

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Published on : 24 May, 15 08:05

देर रात तक जमा जमा राष्ट्र भक्ति कवि सम्मेलन

महाराणा का रूप धार - खुद एकलिंग अवतार हुआ .. कवि सम्मेलन - क्रांतिकारी प्रताप सिंह बारहठ


अगर तुम्हारा बेटा सीमा पर कुर्बान हुआ होता ................

सावचेत हो जा देश रा जवान रे ................



उदयपुर अमर शहीद क्रांतिकारी प्रताप सिंह बारहठ की जयंति पर शहादत दिवस के मौके पर शनिवार रात्रि सुखाडया ओडिटोरियम में जुटे राष्ट्र भक्ति व वीर रस के कवि सम्मेलन में एक के बाद एक रचनाओं ने युवाओं एवं श्रोताअेां में देश के प्रेम के प्रति नया जोश घोल दिया। रायल्स ग्रुप उदयपुर के तत्वावधान में हुए कवि सम्मेलन का आगाज अलवर के विनित चौहान ने अपनी प्रस्तुति देते हुए कहा कि पाकिस्तान की नहीं प्रसन्न्सा - देश द्रोह का नारा है, ठण्डी झीलों से निकला जो जलसा सा अंगारा है , तुमको भी मुफती जी इसका सचमुच ध्यान रहा होता - अगर तुम्हारा बेटा सीमा पर कुर्बान हुआ होता से किया। इसके बाद मथुरा के श्यामसुन्दर अकिंचन ने चोट दर चोट सहता है यह घायल मुकद्दर है लिपट कर पांव से बजती है पायल का मुकद्दर है अकिंचन दीद को कोई उम्र सारी तरसता है नेन में चैन से सोता है यह काजल का मुकद्दर है। मुम्बई के सुनील व्यास ने अपनी पक्तियों में देश के आज के हालत पर हम भाईयों ने खानदानी खेत बांट लिये है जहां फसले काटनी थी वहा प्लाट कांट दिये। इसी तरह शक्करगढ के राजकुमार बादल ने नेताओं पर व्यग्य कसे। उन्होने कहा कि मॉ की आंखों से झरता रक्तिम खारा जल बोला सिम्मी मुजाहिदीन लश्कर पर लाल गोला, सत्ता का सूरज बाबू ऐसे ही ढल नहीं जाये, अच्छे दिन लाने वाले नारे बदल न जाये। कवि कविता किरण ने आज के परिवारों पर अपनी कविता के माध्यम से कहा कि जब फुलों का हो जाता है डाली के प्रति आदर कम, तब खुलते है गांव गांव गली गली में वृद्धाश्रम । इसी तरह उज्जेन के राहुल शर्मा ने मेवाड की भूमि को नमन करते हुए कहा कि तब मेवाडी धरती से उम्मीदों का उदगार हुआ, महाराणा का रूप धार खुद एकलिंग अवतार हुआ। शाहपुरा के दिनेश बंटी ने वीर रस की कविता के माध्यम से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया उन्होने कहा कि केसरी की बाता यो असर कर गई , राणा की रेलगाडी पाछे फर गई, थारी बाता राणा जेी रे मन में जच गई मेवाडी धरा री आन बान। हिम्मत सिंह उज्जवल ने अपने कहा कि सावचेत हो जा रे देश रा जवान...... वा केसरी वा जोरावर, वा तो कुंवर प्रताप ने अंग्रेजा सु अड गया भारत रा काटण संताप ने। आनन्द रत्नु ने अपनी कविता हम शान से जीते है हमें खु द पर नाज है अपनी अलग ही धुन है हम अलग मिजाज है हमको वन की बेडिया जीने नहीं देती, पुरखों चला खुद को मिटाना रिवाज है। कवि सम्मेलन के सुत्रधार एवं संचालन सिद्धार्थ देवल ने कहा कहा कि जिनके नाखूनों को नोंचते रही चिमटिया, प्रश्न पुछती है खून से सनी वो उंगलिया, छोटी आयु में जो करते काम बडे रहे , गोरी ताकतों के आगे जो शेल से अडे रहे।


। समारोह के मुख्य अतिथि राज्य धरोहर एवं प्रोनत समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, अध्यक्षता सी.डी. देवल ने की। विशिष्ठ अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश भट्, महापौर चन्द्र सिंह कोठारी, जिला महामंत्री प्रेम सिंह शक्तावत थे।

प्रथम प्रताप सिंह बारहठ सम्मान शहीद अभिनव नागौरी को ः-

अतिथियों ने कुंवर प्रताप सिंह बारहठ सम्मान शहीद अभिनव नागौरी के परिजनों को दिया। इस अवसर पर उन्हें स्मृति चिन्ह एवं सम्मान पत्र दिया गया।


शचीन्द्र नाथ के साथ थे प्रताप ः-

केसरी सिंह बारहठ के पुत्र प्रताप ने शचीन्द्रनाथ के साथ मिल कर दिल्ली में क्रांतिकारियों के संगठन का कार्य किया। वे जोधपुर के रातानाडा क्षेत्र में पकडें गये उन्हे बंदी बनाया गया और साथियों के नाम उजागर करने के लिए प्रलोभन दिये गये। मगर उन्होने कहा कि वे कोई बात नहीं खोलेंगे। अब तक एक मॉ कष्ट पा रही है, मुंह खुल गया तो एक मॉ के बदले कई माताएं कष्ट पाएगी। इस पर उन्हें पांच साल की सजा हुई। उन्हे बरेली सेन्ट्रल जेल में रख गया। वहीं यातनाएं सहते सहते मात्र २५ साल की उम्र में २४ कई १९१८ को उन्होने आखिरी सांस ली।

पुष्पांजलि एवं रक्तदान आज ः-

रायल्स ग्रुप के विष्णु प्रताप सिंह चारण ने बताया कि रविवार को प्रातः ०९ बजे शहीद स्मारक टाउन हॉल पर कुंवर प्रताप सिंह बारहठ का पुष्पांजलि अर्पित की जायेगी। इसी दिन प्रातः १०.३० बजे रायल्स गप द्वारा भूपाल करणी चारण छात्रावास परिसर में रक्तदान कार्यक्रम किया जायेगा।


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