मुलाकात की खबरें अभिनेत्रियों की गॉसिप जैसी होती हैं : नितिन गडकरी

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Published on : 22 May, 15 09:05

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रियों की हाल के दिनों में हुई मुलाकातों पर वरिष्ठ भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बयान आया है. गडकरी ने कहा है कि यह मुलाकातें इस कारण से संभव हुईं कि संघ प्रमुख मोहन भागवत आठ दिनों के प्रवास पर नागपुर में थे और उनसे जो नेता मुलाकात करना चाहते थे, उन्हें इसके लिए समय मिला. उन्होंने संघ नेताओं से भााजपा नेताओं की मुलाकात के बाद लिखी जाने वाली खबर को अभिनेत्रियों के बारे में लिखे जाने वाली गॉसिप की तरह बताया.उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें इसलिए लिखी जाती हैं, क्योंकि ये हाथोंहाथ बिक जाती हैं.

गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मोदी सरकार के किसी मंत्री पर दबाव नहीं होता. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के हर मंत्री को अपने तरीके से काम करने की स्वतंत्रता है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट मीटिंग में मंत्रियों को अपनी बात रखने की भी आजादी होती है.

नितिन गडकरी को संघ के करीबी नेताओं में माना जाता है. उन्होंने कहा कि आपकी बात सुनने के बाद संघ के लोग शायद अपको उस मुद्दे से जुडी अपनी राय बताएं, लेकिन वे आपसे यह कहेंगे कि आपको जो सही लगता वही करिए.

उन्होंने कहा कि उनकी तरह राजनाथ सिंह व मनोहर पर्रिकर भी संघ से सक्रिय रूप से जुडे हैं और हाल में संघ प्रमुख से हुई मुलाकात में बातचीत का खाका वैसा नहीं था, जैसा की मीडिया रिपोर्टों में छपा. उन्होंने कहा कि हम पर संघ का कोई दबाव नहीं है. उन्होंने कहा कि जब हमारे बीच मुलाकात होती है, तब राजनीतिक मुद्दों पर बहुत कम बात होती है. उल्लेखनीय है कि हाल में राजनाथ सिंह और फिर उसके बाद अमित शाह के संघ प्रमुख से मुलाकात के बाद मीडिया में इस आशय की खबरें आयीं कि राजनाथ सिंह ने अमित शाह की शिकायत की है.

नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री के 15 लाख रुपये के सूट विवाद पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि क्या आपने उसका बिल चुकाया, क्या राहुल गांधी ने उसका बिल चुकाया. वह सूट पीएम को उस गुजराती परिवार ने दिया, जो उन्हें तब से जानता है, जब वे संघ के प्रचारक हुआ करते थे. उन्होंने कहा कि संघ नेताओं से भाजपा नेताओं की मुलाकात का राजनीतिक अर्थ नहीं तलाश जाये. उन्होंने मोदी सरकार पर संघ की राय संबंधी सवाल पर कहा कि बेहतर होगा कि यह सवाल संघ से पूछा जाये.




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