संवैधानिक संकट की तरफ बढ़ती दिल्ली : प्रशांत भूषण

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Published on : 22 May, 15 09:05


नई दिल्ली प्रशांत भूषण ने दिल्ली सरकार पर हमला बोला है। उनका मानना है कि दिल्ली में किसी अधिकारी की नियुक्ति का अंतिम अधिकार उपराज्यपाल का है। दिल्ली कैबिनेट और एलजी के बीच का टकराव घातक है। इससे संवैधानिक संकट खड़ा होने की आशंका बन रही है। भूषण ने सलाह दी कि सार्वजनिक बयानबाजी की जगह सरकार को कोर्ट का सहारा लेना चाहिए।
भूषण ने बृहस्पतिवार को योगेंद्र यादव व आनंद कुमार के साथ जंगपुरा में प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें भूषण ने कहा कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है। अधिकारियों की नियुक्तियों का अंतिम अधिकार एलजी के पास है। दिल्ली सरकार के व्यवहार से माहौल अस्थिरता का बन गया है। विवाद बढ़ने से सबसे ज्यादा नुकसान जनता को होगा।
मोदी सरकार पर भी बोला हमला ः भूषण का आरोप है कि मोदी सरकार एकदम पारदर्शी नहीं है। भ्रष्टाचार रोकने के लिए बने संस्थानों को भी बेदम किया जा रहा है। सरकार बनने के एक साल बाद लोकपाल की नियुक्ति नहीं हुई। दुर्भाग्यपूर्ण यह भी है कि दिल्ली सरकार में भी यह पद खाली पड़ा है। दूसरी तरफ केंद्रीय सतर्कता आयोग में पद खाली पड़े हैं।
पार्टी बनाने की दिशा में बढ़ाया कदम ः
स्वराज अभियान के बैनर तले काम कर रहे ‘आप’ से निष्कासित नेताओं ने राजनीतिक पार्टी बनाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाया है। आनंद कुमार ने बताया कि 29 सदस्यीय एक राष्ट्रीय वर्किंग कमेटी का गठन किया गया है। इसमें प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, आनंद कुमार, अजित झा, पंकज पुष्कर भी शामिल हैं। वहीं, योगेंद्र यादव ने कहा कि स्वराज अभियान फिलहाल जय किसान आंदोलन शुरू करने जा रहा है।
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