आग उगली रेत की लहरों पर आगे बढ रहे हैं भारतीय सेना के जवान

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Published on : 28 Apr, 15 14:04

रेत के समन्दर में चेतक कोर का युद्धाभ्यास आऋमण-2

आग उगली रेत की लहरों पर आगे बढ रहे हैं भारतीय सेना के जवान देवीसिंह बडगूजर जोधपुर। रेत के समन्दर मेंआग उगलती लहरो के चलते जहां आमजन के लिए घर से बाहर निकलना बडा मुश्किल होता है वह ऐसी विषम परिस्थियों की परवाह किए बगैर भारतीय जांबाज सीमा के निकट युद्धाभ्यास कर अपनी दक्षता और क्षमता का प्रदर्शन कर रहे है। भारतीय सेना की चेतक कोर का युद्धाभ्यास आऋमण-2 सोमवार को महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर गया। इस युद्धाभ्यास के नाम आऋमण को सार्थक करने को सोमवार को टैंकों और लडाकू हेलीकॉप्टर्स ने बढ-चढ कर हिस्सा लिया। ध्यान रहे इस क्षेत्र में रविवार को तापमान 46 डिग्री तक पहुंच गया था और आज भी कमोबेश ऐसे ही हालात बने हुए है।
आज के युद्व अभ्यास मे चेतक कोर के दस्तो न पूरे कोर के आऋमणात्वक रूप का अभ्यास किया । इस अभ्यास का मकसद अपनी सेना को तुरन्त मोबालाइज करना और दुशमन के इलाके में घुसकर आऋमण करने के तरीके को दुरस्त करना था। सप्त शक्ति कमांड के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेन्ट जनरल अरुण कुमार साहनी और चेतक कोर के जनरल आफीसर कमान्डिग लेफ्टिनेन्ट जनरल पी एम हैरिज तथा अन्य वरिष्ठ भारतीय थलसेना और वायुसेना के अधिकारियो ने मेकेनाईज टैंको की लडाई जिसमे टैंकों की मेनुवरिंग, ईन्फेन्ट्री कमबेट वाहन, आर्टिलरी तोप, वायुरक्षा हाथियार प्रणाली, इलेकट्राॅनिक वारफेयर और निगरानी उपकरणों के साथ लडाई क्षमता के प्रर्दशन और तालमेल को देखा। इस अभ्यास में हमारी सेना को जल्दी से जल्दी दुशमन की बाधाओं को कम से कम समय मे पार करने में और काबिल बनाता है।


आज युद्ध एवं पारदर्शिता और सैन्य परिचालन योजना का रियल टाइम स्थिति में यूएवी व सेन्सरस के द्वारा निगरानी का भी अभ्यास देखा गया। आर्मी कमान्डर ने इस अभ्यास को अपनी सेना को फर्तिला, बहुमुखी प्रतिभावान, प्राणघातक तथा जीत हासिल करने के लिए सक्षम बनाने का सफल प्रक्षिशण बताया। उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना की हमलावार चेतक कोर इन दिनों रेगिस्तानी क्षेत्र में आऋमण-2 नाम से युद्भ्यास कर रही है। इस युद्भ्यास में दस हजार से अधिक सैनिक औरअधिकारी भाग ले रहे है। रेगिस्तान में ही इन दिनों भारतीय सेना की खर्गा कोर भी युद्धाभ्यास कर रही है। इस युद्धाभ्यास में बीस हजार से अधिक सैनिक और जवान भाग ले रहे है।
यहां यह बता देना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि पश्चिमी राजस्थान से लगती पाकिस्तान की सीमा पर भारतीय थल सेना की दो कोर अपनी ताकत से दुश्मन को दहला रही है। सूरतगढ स्थित थार रेगिस्तान के तपते धोरों में बीते पंद्रह दिनों से 3॰ हजार से ज्यादा जवान काल्पनिक युद्ध के मैदान में अपना जौहर दिखा रहे हैं। रोजाना दुश्मन के घर में घुसकर मात दे रहे हैं। अंबाला स्थित खर्गा कोर स्ट्राइक कोर 2 युद्धाभ्यास ब्रह्मशीर में 2॰ हजार जवान तथा भटिंडा स्थित चेतक कोर कोर 1॰ आऋमण-2् में 1॰ हजार से ज्यादा जवान शामिल हैं।

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