जोधपुर हवाई हड्डा के पास मिले दो बम

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Published on : 21 Apr, 15 19:04

पुलिस महकमे में मची खलबली सेना के विशेषज्ञों ने डी-फ्यिूज किए बम

जोधपुर हवाई हड्डा के पास मिले दो बम
देवीसिंह बडगूजर जोधपुर। पश्चिमी सरहद के प्रमुख महानगर जोधपुर में मंगलवार को सैन्य क्षेत्र में फिर दो बम मिलने की सूचना ने पुलिस महकमें में खलबली मचा दी। सोमवार को एक होटल के निकट मिले बम को सेना द्वारा डी-फ्यिूज करने की कार्रवाइ की जा रही थी कि जोधपुर पुलिस नियंत्रण कक्ष को सुबह तकरीबन नौ बजे किसी ने टेलीफोन कर हवाई अड्डे के सामने नाले में दो बम पडे होने की सूचना दी। इस सूचना से पुलिस में एक बार फिर खलबली मच गई। तत्काल ही आला अधिकारियों सहित बडी संख्या में पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचा। पुलिस ने वहां पहुंचते ही दोनों बम को अपने कब्जे में लिया और इनके निस्तारण के लिए सेना से मदद मांगी। तत्पश्चात सेना के बम विशेषज्ञों ने मौके पर पहुंच इन बमों की जांच बाद अपने वाहन में खास ढंग से इन बमों को यहां से अन्यत्र ले जाया गया,जहां पर उन्हें नष्ट कर दिया गया। गौरतलब रहे कि जोधपुर में पंद्रह दिन के अंतराल में बम मिलने की यह तीसरी घटना है।
इधर, पुलिस अफसरों का मानना है कि हवाई अड्डे के निकट बम मिलना बहुत गंभीर मामला है। पुलिस सभी पहलू को ध्यान में रख इसकी जांच शुरू कर दी है। ध्यान रहे कि महानगर के रातानाडा क्षेत्र में एक पांच सितारा होटल के निकट सोमवार को मिले बम का निस्तारण मंगलवार तडके सेना की मदद से बनाड क्षेत्र में किया गया था।
उधर, रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा का कहना है कि जोधपुर में आज मिले बम कल मिले बम के समान ही है। उन्होंने बताया कि इस तरह के बम का प्रयोग सेना करीब 15 साल पहले बंद कर चुकी है। अब ये बम किस प्रकार सामने आ रहे है यह पुलिस के लिए जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस ने सेना से जांच में मदद मांगी तो सना अपनी तरफ से पूरी मदद उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया कि जोधपुर में दो दिन में मिले तीनों बमों पर न तो सेना फेक्ट्री का कोई निशान है और न ही नम्बर है और न ही वर्ष अंकित है। ऐसी स्थिति में पता लगाना मुश्किल है। दूसरी तरफ सैन्य क्षेत्र में इस प्रकार से बमों का मिलना सभी के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है।
कबाडियों पर शकः जोधपुर के निकट पोकरण फायरिंग रेंज में सेना का अभ्यास बारह माह ही चलता रहता है। इस रेंज के निकट रहने वाले ग्रामीण कई बार इसके अंदर प्रवेश कर बम के खोल उठा कर इसमें से पीतल निकाल कर कबाडियों को बेच देते है। कई बार कुछ बम फट ही नहीं पाते। ये लोग ऐसे बम भी उठा ले जाते है। कुछ दिन पूर्व जैसलमेर जिले के नाचणा गांव में एक कबाडी के यहां ऐसे ही एक बम से पीतल निकालने के दौरान विस्फोट हो गया था। इसमें दो जनों की जान गई थी। ये कबाडी कई बार बमों को खरीद लेते है, लेकिन बाद में विस्फोट के डर से निर्जन स्थान पर डाल देते है।

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