दो लाख मरीजों में लाइलाज हुई मिर्गी

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Published on : 20 Apr, 15 09:04

बिहार में मिर्गी के दो लाख ऐसे मरीज हैं जिन पर दवाएं बेअसर हो गई हैं। ऐसे मरीजों ने या तो उपचार कराना छोड़ दिया है या सजर्री के लिए बाहर जा रहे हैं। बेंगलुरु के कुछ डॉक्टरों के सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। रविवार को होटल मौर्या में न्यूरोलॉजी अपडेट-2015 के उद्घाटन में यह जानकारी आगरा के डॉ पीके माहेश्वरी ने दी। कार्यक्रम में देशभर के न्यूरोलॉजिस्ट जुटे। मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने कहा कि न्यूरो से संबंधित बीमारियां अधिक हो रही हैं इसीलिए शोध करने की जरूरत है। मिर्गी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए जागरूकता फैलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की किल्लत जल्द दूर होगी। इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। बीएमएसआईसीएल को टेंडर करने को कहा गया है जबकि सभी सिविल सजर्नों को निर्देश जारी कर दिया गया है कि स्थानीय तौर पर दवा की खरीद कर लें। एसजीपीजीआई लखनऊ के डॉ. यूके मिश्र ने बताया कि लकवा होने पर डॉक्टरों को कौन सी दवा देनी चाहिए। आईजीआईएमएस के न्यूरोलॉजी विभाग के हेड डॉ. अशोक कुमार ने पार्किसन डिजीज के बारे में कहा कि ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। यदि दिनचर्या नियमित हो तो इस बीमारी को बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। डॉ. अमर कुमार सिंह ने स्पाइन की समस्या में सिटी स्कैन एवं एमआरआई के महत्व के बारे में जानकारी दी। प्रो. एनआर विश्वास ने कहा कि संस्थान में न्यूरोलॉजी विभाग में हाल के वर्षो में बहुत काम हुआ है।
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