पावनासर की महिलाओे ने ली बाल विवाह नही करने का संकल्प लिया

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Published on : 18 Apr, 15 15:04

बाल विवाह के मामल से भारत दशकों से जुझ रहा है

पावनासर की  महिलाओे ने ली बाल विवाह नही करने का संकल्प लिया जैसलमेर-केन्द्रीय सरकार क सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय, के क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय, द्वारा जिले के सम ब्लॉक के गांव कोडियासर एवं पावनासर में बाल विवाह और मिशन इन्द्रधनुश स्वच्छ भारत अभियान पर मौखिक वार्ता और संगो६ठी आयोजित की


प्रेम सिंह, क्षेत्रीय प्रचार , प्रभारी ने अपने संबोंधन में कहा कि पांच साल की बच्ची की शादी 25 साल के ययुवक से कर दी जाती है । यह जुर्मनही तो ओर क्या है, पर यह हो रहा हे । दुनिया के कई कोनो में , भारत भी इससे अछुता नही है । एक अनुमान के अनुसार विश्वभर में हर वशर् 10 से 12 मिलियन नाबालिक लडकियों की शादी कर दी जाती है । भारत की बात करें तो यहां बालविवाह पर कानूनन रोक है लेकिन रात के अंधेरे में आज भी हजारों बाल विवाह हो रहे है।
प्राचीनकाल में भारत में कई कुप्रथा थी उन में से एक बाल विवाह है। यह प्रथा पूरे भारत में फली हुई थी यह प्रथा भयंकर रूपधारण कर चुकी है अधिकतर लोग इस का विरोध भी नही करते है।यह माना जा रहा है कि पूरे विश्व में सबसे अधिक बाल विवाह भारत में होते है। उन्होने बताया की बाल विवाह के मामल से भारत दशकों से जुझ रहा है । देश कई ग्रामीण इलाकों मे भी बच्चियों की शादी उम्र से पहले ही करा दी जाती है । जिसका नतीजा यह होता है कि बचपना तो मारा ही जाता है साथ ही गर्भवती होने के दौरान शादी-शुदा बच्ची की मौत हो जाती है। इस बाल विवाह बिमारी की समस्या को खत्म कर में शायद अभी पचास बरस का समय लग सकता है ।
इस अवसर पर स्वच्छता के बारे में बताया की केन्द्र एंवम राज्य सरकारो के साथ-साथ अब लोंगों में भी शौचालय बनाने की पहल साकार होने के साथ शौेचालय का महत्व भी समझने लगे है ।
क्षेत्र् की स्वास्थ्य कार्यकर्ता श्रीमती सरोज चौधरी ने भारत सरकार के द्वारा चलाई जा रही मिशन इन्द्रधनुश तहत होने बाले टीकाकरण पर प्रकाश डाला और 0 से 5 वशर् के बच्चों के टीकारण करवाने का महत्व बताया। कार्यक्रम के अन्त उपिस्थत महिलाओं ने संकल्प लिया कि वे बाल विवाह नही करेगी।

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