साध्वी प्रज्ञा-पुरोहित को राहत

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Published on : 17 Apr, 15 07:04

साध्वी प्रज्ञा-पुरोहित को राहत नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से कहा कि वह वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और सेना में इंटेलिजेंस ऑफिसर रहे श्रीकांत पुरोहित सहित आरोपियों की जमानत के आग्रह पर एक माह के अंदर विचार करे। देश की सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले में कहा कि एक आरोपी को छोड़कर अन्य विचाराधीनों की जमानत याचिका पर फैसला करते समय मकोका के प्रावधानों पर विचार न किया जाए।
कोर्ट ने अपने फैसले को स्पष्ट करते हुए कहा कि मकोका के प्रावधान आरोपी राकेश डी धावड़े पर पहले के मामले में उसके कथित रूप से शामिल होने के कारण लागू हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी तक इस बात के सबूत नहीं है कि एक को छोड़कर अन्य आरोपी संगठित अपराध में शामिल थे। हालांकि, कोर्ट ने इसके साथ ही जोड़ा कि अभी जांच जारी है और बाद में इसके सबूत मिल भी सकते हैं। बेंच ने आरोपियों को निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसका फैसला एक महीने के अंदर किया जाएगा। इस मामले में अन्य आरोपी राजेंद्र चौधरी, लोकेश शर्मा और जितेंद्र शर्मा हैं।
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