पडौसी की फितरत है नापाक इरादे

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Published on : 16 Apr, 15 08:04

फायरिंग क्षेत्र की रैकी वास्ते पाक ने दो बार उडाया यूएवी

जोधपुर,(देवीसिंह बडगूजर )। पडौसी देश पाकिस्तान की फितरत ही है नापाक इरादे। भारत-पाक विभाजन से लेकर आज-तक यह पडौसी मुल्क भारत की सीमाओं पर सदैव ही नापाक नजरें गढाए हुए है, मगर भारतीय सैनिकों की चौकस निगाहें और बुलन्द हौसलों के कारण उसके मनसूबों पर सदा ही पानी फिरा है और उसे हर बार मुंह की खानी पडी है, बावजूद इसके वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। आजादी के बाद कबालियों की मदद से जम्मू-कश्मीर पर आक्रमण हो या फिर वर्ष 1965,1971 युद्ध या फिर वर्ष 1998-99 में कारगिल युद्ध। उसने हर बार गहरी चोट खाई है। लेकिन फितरत के कारण अपने नापाक इरादों को अमली जामा पहनाने की उदेडबून में मसशूल रह रहा है। जम्मू-कश्मीर सीमा पर घुसपैठ, पंजाब सीमा पार से नशीलें पदार्थों की तस्करी को बढावा देने के साथ ही अब पश्चिमी राजस्थान से सटी सरहद पर यूएवी मानव रहित विमान से रैकी करने की घटनाएं बढती जा रही हैं। बीते कुछ दिनों से जैसलमेर सेक्टर की सीमा चौकी शैतान सीमा चौकी और किशनगढ फायरिंग रेंज से सटे इलाकों में सैन्य गतिविधियों की जानकारी जुटाने के लिए पाकिस्तान की ओर से यूएवी उडाए गए है। राजस्थान सीमांत के सूत्रों ने बताया कि यह करीब पांच सौ मीटर की ऊंचाई पर उड रहा था। इसका पाकिस््रतानी रेंजर्स के समक्ष विरोध दर्ज कराया गया है। सामरिक दृष्टि से यह इलाका काफी महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में बीएसएफ की फायरिंग रेंज है। साथ ही यहां तेल कंपनियां भी तेलऔर गैस की खोज के काम में जुटी हुई हैं।
इससे पूर्व पाकिस्तान के पंजाब रेंजर्स की उमार सीमा चौकी से सोमवार देर रात साढे तीन बजे यूएवी उडाया गया। यह बीएसएफ की सिलवी चौकी के सामने आधे घंटे तक मंडराता रहा। ध्यान रहे कि बीते एक माह में राजस्थान से सटी सीमा क्षेत्र में पांच से छह बार रात में ऐसे यूएवी को जीरो लाइन के पास 300 से 500 मीटर की ऊंचाई पर देखा जा चुका है। इसके माध्यम से भारतीय सीमा क्षेत्र में पाकिस्तान आर्मी की ओर से रैकी की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में राजस्थान से सटी सीमा पर यूएवी देखे गए हैं। इसके बाद बीएसएफ के कमांडेंट ने पाकिस्तानी रेंजर्स के समय ये मुद्दा उठाते हुए विरोध जताया है। मालूम हो कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक जीरो लाइन के दोनों ओर एक किमी से ज्यादा इलाका में कम ऊंचाई पर नो फ्लाइंग जोन होता है। इसके आस-पास लो लेवल पर किसी भी विमान, हेलिकॉप्टर या यूएवी उडाने पर रोक है। इसके बावजूद पिछले एक माह से गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर सहित राजस्थान सीमांत की कई सीमा चौकियों में रात में यूएवी देखे गए हैं। रात में लाल रोशनी वाले ये टोही विमान काफी देर तक जीरो लाइन के पास मंडराते रहते है। इसे सर्विलांस की जाती है। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान आर्मी अब यूएवी से निगरानी कर रही है।
यहां यह बता देना कोई अतिश्योक्ति नही होगी कि पाकिस्तानी आर्मी और रेंजर्स पहले बाज के गले में ट्रांसमीटर और एंटीना लगाकर भारतीय क्षेत्र की जासूसी करवाते थे। जैसलमेर क्षेत्र में अंतिम बार 13 अप्रैल 2013 को गले में एंटीना लगा मरा हुआ बाज मिला था। इससे पहले 8 फरवरी 2011 को भी जासूसी करने वाला जिंदा बाज पकडा गया था। बीते दो साल बाद अब पाकिस्तान की ओर से यूएवी से भारतीय सीमा की जासूसी कराई जा रही है।

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