बाल विवाह में सहयोगी भी होगा दंड का भागीदारः राजपुरोहित

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Published on : 16 Apr, 15 08:04

बाल विवाह रोकथाम के लिए विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

बाल विवाह में सहयोगी भी होगा दंड का भागीदारः राजपुरोहित जोधपुर( देवीसिंह बडगूजर)। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जोधपुर महानगर द्वारा बुधवार को चांदपोल स्थित शहीद भगत सिंह सैकण्डरी स्कूल में बाल विवाह की रोकथाम के लिए विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में बडी संख्या में विद्यार्थियों, अधिवक्ताओं व न्यायिक अधिकारियों सहित क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया और बाल विवाह की रोकथाम के लिए खुलकर अपने विचार रखे। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर के पूर्णकालिक सचिव दलपतसिंह राजपुरोहित ने कहा कि 21 अप्रेल आखातीज और 4 मई पीपल पूर्णिमा अबूझ सावे के अवसर पर होने वाले बाल विवाहों की रोकथाम के लिए राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अभियान चलाने के निर्देश दिये गए है, जिसके तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर महानगर द्वारा समय-समय पर बाल विवाहों की रोकथाम हेतु विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, उसी ऋम में बुधवार को इस विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है।
बाल विवाहों के प्रभावी रोकथाम के लिये बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के सम्बन्धित प्रावधानों की जानकारी आमजन को करवाई जाना आवश्यक है। वही बाल विवाह के दुष्परिणामों को बताना भी आवश्यक है जिससे आमजन बाल विवाह के दुष्परिणामों के प्रति सजग हो सके। साथ ही बाल विवाह के अपराध के लिये उपबन्धित सजा के प्रावधानों से भी परिचित हो सके।
राजस्थान एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी ने कहा कि बाल विवाह को रोकने के लिये समाज की मानसिकता एवं सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाना आवश्यक है, इस के लिए जनसहभागिता व जन चेतना जागृत करना एक आवश्यक कार्य है, इस सन्दर्भ में आज यहां उपस्थित सभी सहभागियों को यह शपथ लेनी चाहिये कि हम सभी बाल विवाह ना करेंगे और ना होने देंगे। क्योंकि बाल विवाह कानूनी अपराध है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह समाज पर कलंक है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह होने पर न तो मानसिक विकास होता है और न ही शारीरिक विकास हो पाता है।
राजकीय अधिवक्ता रामसुख शर्मा ने बाल विवाह का प्रमुख कारण अशिक्षा को बताया उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति जो कि बाल विवाह करने में सहयोग करता है तो वह भी इस काम के लिए दंड का भागीदारी है। उन्होंने कहाकि विवाह के लिए लडके की आयु 21 वर्ष व लडकी की आयु 18 वर्ष तय है इससे पूर्व इनका विवाह कतई नहीं करना चाहिए। विधिक साक्षरता शिविर को संबोधित करते हुए सूरसागर थानाधिकारी मदन बेनीवाल ने कहा कि बाल विवाह का मुख्य कारण बढती जनसंख्या है साथ ही शिक्षा की कमी इसका प्रमुख कारण है। अगर व्यक्ति इन दो चीजों पर काबू पा ले तो बाल विवाह होंगे ही नहीं। अंत में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव दलपत सिंह राजपुरोहित ने उपस्थित बालक बालिकाओं, अतिथियों व अधिवक्ताओं को बाल विवाह रोकने की शपथ दिलाई तथा संकल्प पत्र भरवाए। शिविर में रिटेनर अधिवक्ता पुष्पेंद्र त्रिवेदी, रामलाल चौधरी, श्याम सिंह गादेरी, सुमेर सिंह राजपुरोहित, भंवर सिंह भाटी, मूल सिंह, महिपाल सिंह राजपुरोहित, अधिवक्ता मोहन जाखड, अब्दुल कयूम, गणपत सिंह राठौड, सूरसागर थाना अधिकारी मदन बेनीवाल आदि उपस्थित थे। संचालन अधिवक्ता पुष्पेंद्र त्रिवेदी ने किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य चैनाराम ने धन्यवाद ज्ञापित किया।



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