महिला मुद्दों पर केंद्रित 'ब्लैक होम'

( 4511 बार पढ़ी गयी)
Published on : 30 Mar, 15 09:03

फिल्म 'ब्लैक होम' रानी मुखर्जी की 'मर्दानी' से मिलती जुलती है। बहुत कम प्रचार के बीच सिनेमाघरों में पहुंची इस फिल्म के निर्देशक आशीष देव ने कहानी को सशक्त बनाए रखने के लिए चालू मसाला डालने से परहेज किया है। लगता है कि उन्होंने रिमांड होम के हालातों पर काफी अध्ययन के बाद यह फिल्म बनाई। रिमांड रोम के कई ऐसे दृश्य भी फिल्म में हैं जोकि दर्शकों को विचलित कर सकते हैं। यह फिल्म नेताओं और पुलिस के बीच मिलीभगत की शिकार बनने वाली महिलाओं की कहानी काफी अच्छे तरीके से कहती है।

फिल्म की कहानी एक रिमांड होम के इर्दगिर्द घूमती है। इस रिमांड होम के बारे में लोग तरह तरह की बातें करते हैं लेकिन प्रशासन की ओर से हमेशा ऐसी खबरों को नकार दिया जाता है। रिमांड होम की केयरटेकर मीना (अचिंत कौर) काफी क्रूर बर्ताव के लिए मशहूर है। एक बार जब यहां से लड़कियों को वेश्वावृत्ति के लिए इधर उधर भेजे जाने की खबर बाहर आती है तो एक टीवी समाचार चैनल का प्रमुख डीके ( आशुतोष राणा) और चैनल की रिपोर्टर अंजलि (सिमरन) सच जानने के लिए जुट जाते हैं। खोजबीन के दौरान उनके सामने कई सच आते हैं जिनमें यह भी है कि राजनेताओं के इशारों पर लड़कियों को इधर उधर भेजा जाता है। नेताओं के बारे में ऐसी एक सूची भी इस चैनल के हाथ लग जाती है।

फिल्म की सबसे बड़ी खासियत इस रिमांड होम में रहने वाली मिरची (चित्रांशी रावत) का किरदार है। यह आपकी आंखों को नम करने का दम रखता है। आशुतोष राणा और सिमरन का काम भी दर्शकों को काफी पसंद आयेगा। अपने चरित्र को उभारने में वाकई उन्होंने बड़ी मेहनत की है। फिल्म के निर्देशक आशीष देव ने एक ऐसी कहानी पर फिल्म बनाने का साहसपूर्ण निर्णय किया जोकि व्यवसायिक दृष्टि से कमजोर था। फिल्म मनोरंजन की चाह में रहने वाले दर्शकों को निराश करेगी लेकिन सार्थक सिनेमा के प्रशंसकों को यह फिल्म पसंद आएगी।

कलाकार- आशुतोष राणा, चित्रांशी रावत, अंचिता कौर, मेजर बिक्रमजीत सिंह, राजू खेर, मुरली शर्मा।

निर्देशक- आशीष देव।
© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.