महिलाओं को शिक्षा के साथ रोजगार भी जरूरी - प्रो सारंगदेवोत

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Published on : 28 Mar, 15 11:03

एक दिवसीय कार्यशिाला सरकारी योजना एवं स्वास्थ्य विशय

महिलाओं को शिक्षा के साथ रोजगार भी जरूरी - प्रो सारंगदेवोत उदयपुर , जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ, (डिम्ड) वि६वविद्यालय के महिला अध्ययन विभाग एंव केन्दि्रय श्रम रोजगार विभाग- नई दिल्ली के सयूंक्त तत्वावधान में शनिवार को को श्रमिक महिलाओं के लिये सरकारी योजनाऐं एंव स्वास्थ्य पर विषय पर एक दिवसीय कार्यशिाला / आयोजन जनशिक्षण और विस्तार कार्यक्रम निदेशिालय द्वारा संचालित कम्यूनिटी सनेटर के जन भारती सामुदायिक केन्द्र कानपुर केन्द्र के कलडवास गांव पर किया गया जिसमें कलडवास गांव की 100 महिला श्रमिकों ने भाग लिया ।


मुख्य अतिथि वाइस चांसलर प्रो. एस.एस. सारंगदेवोते ने कहा कि श्रमिक महिलाओं का विकास आज के युग में शिक्षा एंव तकनिकी ज्ञान तथा रोजगार से ही सम्भव हो सकता है, शिक्षित महिला द्वारा अपने घर , परिवार , समाज तथा देशि के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। एक महिला शिक्षित होने से दो परिवारों का संर्वागीण विकास किया जा सकता है इसलिए उक्त कार्यक्रम में उपस्थित श्रमिक महिलाओं को शिक्षा , आज की कम्प्यूटर तकनीकि से एंव विभिन्न व्यवसायिक रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रमों से ज्ञान अर्जित कर सभी महिलाऐं अपना व समाज का विकास करें तभी सही मायनें में श्रमिक महिलाओं का शिक्षा से सशिक्तिकरण हो सकेगा।
कार्यशिाला की अध्यक्षता महिला अध्ययन विभाग की निदेशिक डॅा. मन्जु माण्डोत ने कार्यशिाला का प्रारम्भ सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा श्रमिक महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि गांव में कई महिलाऐं एंसी है जिनको समानता का अधिकार नही मिल पा रहा , ऐंसी महिलाओं को आगें बढाने के लिए उनको शिक्षा, रोजगार, उपलब्ध कराने के प्रयास कियें जाने चहिए , यहॉ कि महिलायें शहर से सटे गा्रम के होने पर भी सरकारी सुविधाओं की मोहताज होना पड रहा है तथा महिलायें आज भी पिछडी ुहई है एंव समाज की कूरूतियों सें ग्रस्त है । अशिक्षा की वजय से महिलाओं पर समाज में अत्याचार होता रहता है जिसका मुकाबला करने के लिए शिक्षित होना अति आव६यक है शिक्षित महिला को उनके मौलिक अधिकार एंव अपने उपर होने वाले अत्याचारों के विरूध आवाज उठाने का सहस दिखा सकें।
कार्यशिाला के मुख्य वक्ता श्री सौरभ गुप्ता कानूनी सलाहाकार थे जिन्होने महिलाओं पर विभिन्न प्रकार की हिंसा एंव प्रताडना पर कानून का केसे उपयोग कर अपराधियों को दण्डित किया जा सके इस प्रकार महिलाअें के लिए कानून की सहायता केसे प्राप्त कि जा सकती है ।
कार्यक्रम मुख्य वक्ता डा शशि चितौडा , प्राचार्य ने विभिन्न महिला कानून क बारें में विस्तार पूर्वक बताया गया एंव महिलाओं कानून के प्रति प्रेरित किया गया एंव महिलाओं के लिए सरकार के विभिन्न श्रैणी में महिलाओं के आरक्षण तथा पचांयतों में महिलाओं की प्रत्यक्ष भागीदारी पर विस्तार पूर्वक बताया तथा महिलाओं को सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के बारें जानकारी दी और यह कहा कि शिक्षा के अभाव में महिलाओं को वर्तमान में सरकार द्वारा समय समय पर प्रदान की जाने वाली सहायता एंव योजनाओं की जानकारी के अभाव में श्रमिक महिलाऐं इन योजनाओं के लाभ से वचिंत हो जाती है ।

कार्यकम के मुख्य वक्ता डॉ अमिया गोस्वामी , प्राचार्य हौम्योपेथिक महाविद्यालय डबोक ने कार्यशिाला में उपस्थित सभी 100 महिलाओं का ब्लड प्रेशिर चेक किया तथा उनके स्वास्थ्य की पूर्ण जांच की गई जिसमें 70 प्रतिशित महिलाओं को ब्लड प्रेशिर सही पाया गया ।
कार्यशिाला में कार्यकम का संचालन बालकृष्ण शुक्ला ने किया तथा अन्त में धन्यवाद श्री देवीलाल गर्ग ने दिया ।

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