सांसद को लेना पड़ रहा कोर्ट का सहारा

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Published on : 28 Mar, 15 09:03

देवघर : रखंड की सरकार और उनके मातहत जिला प्रशासन के अधिकारियों की कार्यशैली कुछ ठीक नहीं है. कभी केंद्र सरकार के पेच तो कभी राज्य सरकार की नीतियों के कारण 35-35 सालों से जनहित की योजनाएं लटकी है. जनप्रतिनिधियों की कोशिश भी सरकार और जिला प्रशासन से काम करवाने में विफल रही हैं. सांसद को अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठना पड़ता है.
विकास के लिए सांसद को कोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा है. चाहे बात 35 सालों से काम चल रहे पुनासी जलाशय योजना की हो या देवघर एयरपोर्ट निर्माण की बात हो या सुप्रसिद्ध बाबा मंदिर के संचालन के लिए प्रबंधन बोर्ड के पुनर्गठन का या फिर खेतौरी-घटवाल को एसटी का दर्जा देने का मामला हो. सभी मामले जनहित से जुड़े हैं. उपरोक्त सभी मामलों में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने हाइकोर्ट में पीआइएल दायर किया. चारों मामलों की कोर्ट में सुनवाई चल रही है. योजनाएं धरातल पर जल्द से जल्द उतरे, काम तेजी से हो, इसके लिए भी अब कोर्ट के हस्तक्षेप की जरूरत पड़ गयी है.
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