देश की सेवा का जज्बा ऐसा था कि

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Published on : 26 Mar, 15 10:03

उदयपुर। उसमें देश की सेवा का जज्बा ऐसा था कि मल्टी नेशनल कंपनियों के लाखों रूपए के पैकेज ठुकराकर वह देश की सेवा के लिए नेवी में शामिल हुआ। शुरूआत में परिजनों ने मना किया था, परन्तु बाद में परिजन भी मान गए थे और हंसी-खुशी भेजा, परन्तु परिजनों को यह पता नहीं था कि वह देश सेवा करते हुए लापता हो जाएगा।
गोवा में विमान हादसे के बाद लापता हुए सब लेफ्टिनेंट अभिनव नागौरी ने बैंगलोर से इंजीनियरिंग की थी। इंजीनियरिंग करने के तत्काल बाद देश की कई मल्टी नेशनल कंपनियों ने अभिनव को लाखों रूपए के पैकेज पर जॉब ऑफर की थी, परन्तु अभिनव ने इन कंपनियों के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और बचपन से ही देख रहे देश सेवा के सपने को पूरा करने के लिए नेवी में एप्लाई किया था। नेवी ने भी इंजीनियर अभिनव की योग्यता को देखते हुए अपने बेड़े में शामिल किया और सब लेफ्टिनेंट की पोस्ट दे दी थी। इस दौरान परिजनों ने मना भी किया था, परन्तु अभिनव अपनी जिद पर अड़ा रहा।
परिवार का ईकलौता बेटा होने के कारण कुछ विरोध के बाद परिजन भी मान गए थे और हंसी खुशी देश सेवा के लिए भेज दिया। अभिनव के रिश्तेदारों ने बताया कि वह बचपन से ही नेवी या एयर फोर्स में पाएलेट बनने का सपना देखा करता था। अभिनव की स्कूली शिक्षा सेंट पॉल से हुई, 12वीं तक साइंस-मैथेमेटिक्स का विद्यार्थी रहा और 86 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण हुआ। यह एनसीसी का सफल कैडेट भी रहा।
नेवी में भर्ती होने के बाद नेवी ने अभिनव को 6 माह एजी माला, 6 माह हैदराबाद, 6 माह बैंगलोर और 6 माह कोच्ची में ट्रेनिंग की। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अभिनव को गोवा में पोस्टिंग दी थी। शॉर्ट टाईम के लिए उतरा हूं अभिनव के पिता धर्मचंद नागौरी ने रूआंसे होते हुए बताया कि मंगलवार शाम 5.48 बजे अभिनव से बात हुई थी। उस समय उसने कहा कि वह शॉर्ट टाईम के लिए उतरा है और उसे वापस जाना है। हमेशा चार घंटे की फ्लाईट होती है लेकिन मंगलवार को सिर्फ आधे घंटे की ही फ्लाईट है। इसलिए वापस आकर बात करूंगा, लेकिन माता-पिता यह नहीं सोच सकते थे कि चंद घंटों बाद उनके चिराग का विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर लापता हो जाएगा। घर का इकलौता चिराग अभिनव अपने घर का इकलौता चिराग है। इसकी स्मिता और श्वेता नागौरी दो बड़ी बहनें है, जिसमें से स्मिता की जोधपुर एवं श्वेता की केन्या में शादी हुई है। छ: माह में घर पर आने पर परिजनों को थी शिकायत अभिनव की माता सुशीला नागौरी ने बताया कि बेटे अभिनव में देश सेवा का जज्बा शुरू से रहा। सहायक लेफ्टिनेंट बनने के बाद अभिनव को छह-छह माह में घर आने के लिए छुट्टियां मिलती, जब भी वह घर पर आता तो माता-पिता उसे जल्दी आने के लिए कहते तो उसका जवाब होता कि देश सेवा में तो ऐसा ही होता है। स्कूल से ही उसमें देश के लिए कुछ कर गुजरने की चाह के कारण उसने एनसीसी का चयन किया और उसमें भी अव्वल रहा। शादी के लिए देख रहे थे लड़की नौसेना में 25 वर्ष की आयु के बाद ही विवाह की छूट मिलती है अभी अभिनव पिछलें वर्ष जुलाई माह में ही 25 वर्ष के हुए थे। माता-पिता इसके लिए लड़की देख रहे थे कि उससे पहले ही यह हादसा हो गया। जिससे पूरा परिवार सकते में आ गया।जोधपुर से मां को संभालने के लिए आई बहन इधर अभिनव की एक बहन स्मिता जो जोधपुर में रहती है वह तत्काल अपनी मां को संभालने के लिए उदयपुर आ गई। इधर केन्या में रहने वाली बहन श्वेता भी लगातार फोन पर अपने परिवार के सम्पर्क में है और पल-पल की जानकारी ले रही है। बेसुध हुई मां नौसेना विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने और अभिनव के लापता होने की खबर मध्यरात्रि करीब जैसे ही माता-पिता को मिली तो खबर सुनते ही उनके आँखों की नींद उड़ गई और भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि हमारा सपूर सही-सलामत हो। मां सुशीला का रो-रो कर हाल बुरा हाल है और बार-बार वह बेहोश हो रही थी। सुबह से ही रिश्तेदारों और पड़ौसियों का घर पर जमावड़ा लग गया। परिजन येन-केन उन्हें ढांढस बंधाते नजर आए और सांत्वना देते नजर आए।
यह खबर शहर में जंगल की आग की तरह फैल गई, जितनी भी रिटायर्ड शिक्षाधिकारी के परिचित है उन्होंने फोन कर घटना की जानकारी ली। गोवा में बैठे नागौरी अपने बेटे के बारे में जो भी फोन आ रहा था उन्हें रूआंसे होकर तसल्ली से जवाब दे रहे है। अभिनव के चाचा विनोद नागौरी लगातार अपने भाई से गोवा में सम्पर्क बनाए हुए है और पल-पल की जानकारी ले रहे है। परिजन ईश्वर से प्रार्थना कर रहे है कि उनका लाल सकुशल लौट आए।
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