कृषि यंत्र एवं तकनीकी प्रदर्शन विषयक मेले मे उमडे किसान

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Published on : 20 Mar, 15 23:03

कृषि यंत्र एवं तकनीकी प्रदर्शन विषयक मेले मे उमडे किसान उदयपुर। प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा संचालित अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं - ’’कृषि उपकरण एवं मशीनरी’’ तथा ’’कटाई उपरान्त प्रौद्योगिकी’’ के अंतर्गत आज महाविद्यालय के फार्म मशीनरी एवं पॉवर विभाग में ’’कृषि यंत्र एवं तकनीकी प्रदर्शन‘’ विषयक विशाल किसान मेला आयोजित किया गया। मेले के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डॉ. पी.एल. मालीवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न प्रकार के मेलों का आयोजन किया जाता रहा है किन्तु ये मेला अपने आप में अनूठा है क्योंकि यह मेला कृषि मशीनों के संबंध में है। उन्होंने किसानों को बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा मशीनों के संबंध में कई अनुसंधान किये गये है किसानों को चाहिए कि वे इनका अधिक से अधिक लाभ उठावें। उनका कहना था कि मशीन का मूल्य अधिक होने पर गाँव का कोई समर्थ किसान या किसानों का समूह उसे खरीदकर गांव के लोगों को किराये पर देकर सरकारी रियायतों का लाभ उठा सकता है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा उन्नत बीजों, मुर्गीपालन, मछली पालन इत्यादि के संबंध में भी अनेक अनुसंधान किए गए है। किसान उनका लाभ उठावें।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कृषि यंत्र एवं मशीनरी से संबंधित अखिल भारतीय परियोजना के मुख्य अनुसंधानकर्ता डॉ. वाई.सी. भट्ट ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए परियोजना के संबंध में जानकारी दी और किसानों से आह्वान किया कि वे योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त कर अधिक से अधिक मशीनों का उपयोग करें और अपने समय, श्रम तथा पैसों की बचत जूस निकालने की मशीनों इत्यादि का प्रदर्शन किया गया जो मेवाड व वागड करें। उन्होंने बताया कि मेले में लहसुन खुदाई यंत्र, मूंगफली निकालने की मशीन, बागवानी फसलों पर छिडकाव हेतु एयर स्लीव बूम स्प्रेयर, मसाला बुवाई एवं मसाला गहाई मशीन, अदरक छिलाई मशीन तथा स्वचालित रीपर बाईन्डर और ग्वारपाट जैसे क्षेत्रों के लघु जोत के किसानों के लिए बहुत उपयोगी है।
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि डॉ. एस.आर. मालू, अधिष्ठाता, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, डॉ. आई.जे. माथुर, निदेशक, प्रसार शिक्षा निदेशालय, डॉ. एस.के. शर्मा, क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक, डॉ. बी.पी. नंदवाना, अधिष्ठाता, प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय, श्री मदन छाजेड, अधीक्षण अभियंता, जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण, डॉ. ओ.पी. शर्मा, अधिष्ठाता, मात्स्यकी महाविद्यालय, इत्यादि ने भी अपने विचार व्यक्त किये और किसानों को मेले से अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की।
मेले का आयोजन अत्यंत उत्कृष्ट तरीके से हुआ। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के अतिरिक्त क्षेत्र के अनेक व्यवसायियों व विभागों ने भी अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया जिसे किसानों ने सराहा। मेले में १००० से अधिक किसानों ने भाग लिया एवं बडे ही उत्साह व कौतुहल के साथ मेले मे प्रदशित कृषि यंत्रों का अवलोकन किया और किसान गोष्ठी मे प्रश्न पूछ कर अपनी जिज्ञासा शांत की।
अंत में कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी परियोजना के डॉ. वी.डी. मुद्गल ने कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये किसानों के लिए बहुत उपयोगी है। अतः में डॉ. मुद्गल ने मेले के आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.रघुवीर सिंह राठौड ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागाध्यक्ष, प्राचार्य, विद्यार्थी, किसान, ग्राम प्रतिनिधी, व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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