खनन व खनिज के नए कानून से करोड़ों के नुकसान की आशंका

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Published on : 20 Mar, 15 08:03

खनन व खनिज के नए कानून से करोड़ों के नुकसान की आशंका नई दिल्ली। कोयला खदान में पिछली सरकार के कार्यकाल में हुई अनियमितता की वजह से सरकारी खजाने में 1.86 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का दावा किया गया। लेकिन वर्तमान सरकार में अगर खनन व खनिज विकास एवं नियामक (एमएमडीआर) संशोधन विधेयक 2015 को संसद के दोनों से पारित करने के बाद कानून का शक्ल दे दी जाती है, तो इससे सरकारी खजाने को कोयला खदान के मुकाबले कहीं ज्यादा नुकसान हो सकता है। यह दावा स्क्रॉल की रिपोर्ट में किया गया है। गुरुवार को देर शाम तक राज्यसभा में इस बिल को लेकर हंगामा चलता रहा। लोकसभा से यह बिल पारित हो चुका है।
स्क्रॉल की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति में एमएमडीआर बिल को पारित कर दिया जाता है, तो सिर्फ छत्तीसगढ़ से एक लौह अयस्क के मामले में अन्य छिपे हुए खनिज की वजह से सरकारी खजाने को 1.71 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
यानी कि लौह अयस्क के खनन के दौरान अन्य कई सारे खनिज पदार्थ भी निकलते हैं और तह में कई अन्य खनिज मिलने की गुंजाइश होती है, लेकिन नीलामी सिर्फ लौह अयस्क खदान के नाम पर होगी। इन खदानों की नीलामी के लिए सुरक्षित मूल्य तय करते समय लौह अयस्क के साथ व खदान के तह में मिलने वाले अन्य खनिज पदार्र्थों की कीमत नहीं जोड़ी जाएगी, जबकि खनन करने वाली कंपनी लौह अयस्क के साथ उन खनिज पदार्थों की भी बिक्री करेगी।
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