राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा का दीक्षान्त समारोह

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Published on : 01 Mar, 15 09:03

जयपुर । कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कहा है कि शिक्षा रोजगार उन्मुखी हो। उन्हने कहा कि स्वरोजगार के नये-नये साधनों से युवाओं को जोडने वाली शिक्षा की आज जरूरत है। रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ कौशल प्रबंध को ध्यान में रखना होगा। विश्वविद्यालयों को इस क्रम में अपनी रचनात्मक भूमिका निभानी होगी।

कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री कल्याण सिंह शनिवार को कोटा में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के पांचवे दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

राज्यपाल श्री सिंह ने कहा कि तकनीकी पाठ्यक्रमों में समय के अनुसार बदलाव जरूरी है। पाठ्यक्रमों में उच्च तकनीक, शोध एवं नवाचार को महत्व देना होगा। विश्वविद्यालयों को संस्कारवान समाज के निर्माण में भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने कहा कि हमें युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालयों में शैक्षिक व्यवस्थाओं को वैश्विक परिदृश्य के अनुसार बेहतर बनाना होगा।
कुलाधिपति ने कहा कि महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में नये छात्रों को रैगिंग जैसी बुराइयों से गुजरना पडता है। विश्वविद्यालयों को इस पर नजर रखनी होगी। छात्रों को आपसी सद्भाव, अनुशासन और समय की पाबंदी के जीवन सूत्र सिखाने होंगे। उन्होंने विश्वविद्यालयों से छात्र-छात्राओं को श्रेष्ठ शिक्षा, शिक्षक एवं पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करायें जाने की अपेक्षा की है।
राज्यपाल श्री सिंह ने कहा कि सामान्यतः जन साधारण में यह धारणा व्याप्त हो चुकी है कि विश्वविद्यालय शिक्षा सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुरूप रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध करानी होगी। युवा इंजीनियर्स अपने कौशल का उपयोग समाज व राष्ट्र के विकास के लिए करेंगे तो समाज व राष्ट्र की उन्नति होगी।
राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने युवाओं से अपील की कि वे राष्ट्र कल्याण और मानव कल्याण के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह करें। विश्वविद्यालय से तकनीकी रूप से दक्ष होकर निकलने वाले युवा, समाज व राष्ट्र के विकास में अपनी जिम्मेदारी निभायें ।
राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कहा कि कोटा ने राजस्थान में औद्योगिक एवं शैक्षणिक शहर के रूप में पहचान बनाई है। चम्बल नदी के तट पर बसा कोटा उन शहरों में है, जहां औद्योगीकरण बडे पैमाने पर हुआ है। उन्होंने कहा कि शहर के स्मारक प्राचीनता का बोध कराते हैं, वहीं चंबल नदी पर बना हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्लान्ट और न्यूक्लियर पावर प्लान्ट आधुनिकता का एहसास कराता है। कोटा में जल,गैस,परमाणु व थर्मल परियोजनाओं से बिजली तैयार की जाती है। उन्होंने कहा कि इस तकनीकी विश्वविद्यालय को यहां इन क्षेत्रों में अहम् भूमिका निभानी चाहिए।
समारोह में नीति आयोग के सदस्य पद्मभूषण डॉ.वी.के.सारस्वत, मद्रास के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के पद्मश्री प्रो.अशोक झुनझुनवाला, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.नलिनाक्ष व्यास सहित विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल व विद्या परिषद के सदस्यगण, अधिष्ठाता, संकाय सदस्य और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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