कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में अंशदान की बाध्यता खत्म होगी

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Published on : 01 Mar, 15 08:03

नई दिल्ली । वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कम आय वर्ग के कर्मचारियों को राहत देते हुए उनको ईपीएफ व नई पेंशन योजना (एनपीएस) और स्वास्थ्य बीमा और ईएसआईसी में से किसी एक का चयन करने का विकल्प देने की घोषणा की है। बजट में जेटली ने यह भी प्रस्ताव किया कि जो कामगार एक निश्चित सीमा से कम वेतन पाते हैं उनके लिए कर्मचारी भविष्य निधि में अंशदान करने का मामला वैकल्पिक होगा।
हालांकि, कामगार के नियोक्ता को योजना में अंशदान देते रहना होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि जहां तक ईपीएफ की बात है तो कामगार के पास दो विकल्प होंगे। पहले विकल्प में कामगार ईपीएफ या एनपीएस का चुनाव कर सकता है। इसमें एक निश्चित सीमा तक मासिक कमाई करने वाले कामगार के लिए ईपीएफ में अंशदान वैकल्पिक होगा।
यानी अब कर्मचारी ईपीएफ में अंशदान करने के लिए बाध्य नहीं होगा। इस तरह कम आय वर्ग के कर्मचारियों की मासिक आय बढ़ेगी, लेकिन उनका बचत घटेगा। ऐसा नियोक्ता के अंशदान को किसी तरह से प्रभावित किए बिना होगा। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में ईएसआईसी योजना के तहत करीब दो करोड़ कामगारों और उनके परिवार को लाभ मिल रहा है।
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