नेपाल की संसद में जमकर हाथापाई

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Published on : 21 Jan, 15 09:01

काठमांडू । नया संविधान बनाने की कोशिशों में लगी नेपाल की संसद मंगलवार को अखाडे़ में तब्दील हो गई। संविधान निर्माण के कुछ मुद्दों पर असहमति जताते हुए विपक्षी माओवादी नेताओं ने जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ की। आपसी हाथापाई और एक दूसरे पर कुर्सियां फेंकने की वजह से कुछ वरिष्ठ नेपाली सांसदों समेत कम से कम 12 लोग जख्मी हो गए। संसद में मौजूद सुरक्षा बलों ने प्रधानमंत्री, मंत्रियों और अन्य प्रमुख नेताओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
देश में अपना संविधान बनाने के लिए तय समयसीमा 22 जनवरी से दो दिन पहले मंगलवार को उस वक्त संविधान सभा में तनाव बढ़ गया, जब इसके अध्यक्ष सुभाष नेमबांग ने मत विभाजन से पहले नए संविधान के विवादित मुद्दों को तय करने के लिए प्रश्नोत्तर समिति के गठन के प्रस्ताव को इजाजत दे दी। इस पर संयुक्त नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के अगुवाई वाले समूह ने सदन में जमकर हंगामा किया। समूह ने प्रश्नोत्तर समिति के लिए अपने प्रतिनिधियों के नाम कार्यमंत्रणा समिति को नहीं दिए थे। इस तरह की समिति के खिलाफ रहे समूह की दलील है कि इस तरह की पहल से साफ संकेत हैं कि संविधान सभा खुद ब खुद खत्म हो जाएगी। राजनीतिक संवाद एवं आम सहमति समिति (पीडीसीसी) के अध्यक्ष बाबूराम भट्टराई ने भी कहा, ‘प्रश्नोत्तर समिति के गठन से संविधान सभा ही बंट जाएगी और उसका अंत हो जाएगा।’
हंगामे के दौरान विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने कुर्सियां तो तोड़ी हीं, साथ में संविधान सभा में तैनात मार्शलों को भी जख्मी कर दिया। जब संविधान सभा सदस्यों ने घेरेबंदी तोड़ कर अध्यक्ष के आसन तक पहुंचने की कोशिश की तो इस हाथापाई में एक दर्जन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। नेपाली कांग्रेस के नेता रामचंद्र पौडेल के मुताबिक नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के मुखिया केपी शर्मा ओली और उपाध्यक्ष विद्या भंडारी को मामूली चोटें आईं। नेमबांग ने प्रश्नोत्तर समिति के लिए प्रस्ताव पेश करने का निर्देश देने से पहले कहा कि राजनीतिक संवाद सहमति समिति आम सहमति बनाने में या निर्देश के मुताबिक प्रश्नोत्तर बनाने में नाकाम रही है, संविधान सभा नियमों के मुताबिक ही यह कार्य कर रही है।
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