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बाल विवाह कैसी नादानी,जीवन भर ऑंखों में पानी-

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18 Apr 15
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बाल विवाह कैसी नादानी,जीवन भर ऑंखों में पानी- बाल विवाह कैसी नादानी,जीवन भर ऑंखों में पानी-इसकी जानकारी आम जन और विषेश रूप ग्रामीण अंचल में इस सामाजिक बुराई के प्रति जनजागृति संभव हो और बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम संभव हो इस हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सेशन न्यायाधीश-पवन एन.चन्द्र
के नेतृत्व में चलाये जारहे बाल विवाह रोकथाम जनजागृति अभियान के तहत गांव-गांव ढाणी-ढाणी इस अभियान की अलख जगाने को लेकर प्राधिकरण के बैनर तले अभियान जोर-षोर से चल पडा है।
इसी लक्ष्य की पूर्ति के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव-मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-श्रीमती लता गौड एवं सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट-श्रीमती सोनाली प्रशान्त शर्मा की सहभागिता में ग्राम भुवासिया में विधिक चेतना शिवर का आयोजन सम्पन्न हुआ।
आज के शिवर के मुख्य वक्ता के रूप में प्राधिकरण की सचिव-मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट- श्रीमती लता गौड ने ग्रामीणजन को प्राधिकरण द्वारा चलाये जा रहे बाल विवाह रोकथाम जनजागृति अभियान को सफल बनाने एवं इस अभियान के सहभागी बनने की अपील करते हुए उपस्थित सभी ग्रामीणजन को यह प्रण दिलाया कि हम कभी भी बाल विवाह नहीं होने देगें और ना ही बाल विवाह में शामिल शरीक होगें।
शिवर में उपस्थित ग्रामीण भाई बन्धूओं से सीधे-सीधे जुडते हुए प्राधिकरण के सचिव मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती लता गौड ने अपने उद्बोधन को रोचक एवं ग्रामीण जन को सीधी एवं सरल भाशा में समझाते हुए छोटी-छोटी घटनाओं को उदाहरण के रूप में बताते हुए बच्चों के भविश्य से खिलवाड नहीं करने, और बच्चों की शादी को सामाजिक रूढवादी का रूप नहीं देने का आग्रह करते हुए शादी को जिम्मेदारी निरूपित किया और बच्चे इसके लिये मानसिक, शारीरिक रूप से तैयार नह होते है। बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम की संक्षिप्त जानकारी शिवर में चले आपसी संवाद वार्ता के माध्यम से ग्रामीण जनों की जिज्ञासाओं को शान्त भी किया गया।
आज के शिवर में अपने उद्बोधन को सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट-श्रीमती सोनाली प्रशान्त शर्मा ने उपस्थित ग्रामीणजनों को सीधी एवं सरल भाशा बताते हुए बताया कि बाल विवाह सामाजिक बुराई का रूप ले चुकी है और इसे रोकने के लिये गांव-समाज के जिम्मेदार व्यक्तियों को आगे आना होगा और इस बुराई को रोकने के लिये कठोर कदम उठाने होगें तभी इस बुराई का अन्त होगा।
इस अवसर पर ग्रामीण जनो से रूबरू बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम के प्रावधानों की सामान्य जानकारी दी एवं इसके साथ ही गांववासियों से आपसी संवाद वार्ता में गांव वालो ने भी बढचढकर हिस्सा लिया और अपनी जिज्ञासाओं को शान्त किया।
इस अवसर पर उन्होने बाल विवाह से होने वाले दुश्परिणामों की जानकारी भी प्रदान की।
शिवर के अन्त में थानाधिकारी रठाजना रतनसिंह ने शिवर में आने वाले अतिथियों एवं गांव वासियों का आभार व्यक्त किया।



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