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ट्रांसफर इंडस्ट्री बंद करने के कारण हमारा विरोध: सिसोदिया

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21 May 15
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दिल्ली में अफसरों पर स्थानांतरण-नियुक्ति उद्योग चलाने का आरोप लगाते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज कहा कि आप सरकार का विरोध इसलिए हो रहा है, क्योंकि वह इस पर लगाम लगाने का प्रयास कर रही है। इससे एक दिन पहले ही अधिकारियों ने अपने साथ हो रहे व्यवहार पर आक्रोश व्यक्त किया था।

इसका तीखा जवाब देते हुए सिसोदिया ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों के दौरान स्थानांतरण-नियुक्ति उद्योग चलाने वाले नौकरशाह सेवानिवति के बाद आईएएस अधिकारियों के प्रोत्साहन के बारे में बात कर रहे हैं, साथ ही कहा कि केवल वैसे ही अधिकारी हतोत्साहित होंगे, जो अपने पद का दुरुपयोग कर रहे होंगे। उन्होंने कहा कि यह काफी रोचक है। दिल्ली में स्थानांतरण-नियुक्ति उद्योग एक बड़ा उद्योग है और हमने पिछले तीन महीने में इसे रोक दिया है।

सिसोदिया ने कहा कि हमने जो भी स्थानांतरण किये वे काबलियत के आधार पर थे और इसे पूरी ईमानदारी से किया। इसलिए लोग हमारा विरोध कर रहे हैं। दिल्ली में स्थानांतरण-नियुक्ति उद्योग के जरिये करोड़ों रुपये बनाये जाते रहे हैं।

सिसोदिया का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के 100 सेवारत और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों ने आप सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच जारी द्वन्द्व में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ किये जा रहे व्यवहार पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया था।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने सोशल मीडिया वेबसाइट पर सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों पर चुटकी ली। उन्होंने ट्वीट किया, पिछली सरकारों के दौरान स्थानांतरण-नियुक्ति उद्योग चलाने वाले अब सेवानिवृत्ति के बाद आईएएस अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के बारे बात कर रहे हैं। सिसोदिया ने कई ट्वीटों में कहा कि मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के साथ प्रत्येक सरकारी अधिकारी पूरी उर्जा के साथ काम कर रहा है। उनका मनोबल उंचा है, लेकिन जो अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग करते हैं, वे हतोत्साहित हैं।

उल्लेखनीय है कि कल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे एक पत्र में जंग ने कहा कि पिछले चार दिनों में उनकी मंजूरी लिये बिना आप सरकार की ओर से की गई सभी नियुक्तियां अवैध हैं और नौकरशाहों के स्थानांतरण और नियुक्ति के मामले में वह एकमात्र प्राधिकार हैं। इसके जवाब में केजरीवाल ने उपराज्यपाल से यह बताने को कहा कि उन्हें संविधान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अधिनियम और कामकाज के नियम के किस प्रावधान के तहत यह अधिकार प्राप्त है।

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