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योग से जानलेवा रोगों से मिले मुक्ति

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21 Jun 18
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नई दिल्ली दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को राजपथ पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को ध्यान में रखकर सड़कों के लिए यातायात मार्ग बदले जाने का परामर्श जारी किया है। यातायात पुलिस ने चालकों व आम जनता से सुबह 10 बजे तक रफी मार्ग, जनपथ (एमएनएलपी व विंडसर के बीच), मानसिंह रोड (क्यू प्वाइंट व जसवंत सिंह चौक के बीच), मौलाना आजाद रोड, राजपथ (विजय चौक व मानसिंह क्रासिंग के बीच), कृष्णा मेनन मार्ग, के. केमराज मार्ग, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद रोड का उपयोग करने से बचने की सलाह दी है। यातायात पुलिस ने वाहन चालकों व आम लोगों से वैकल्पिक मार्ग जैसे रिंग रोड, मथुरा रोड, भैरों मार्ग, सुब्रहमण्यम भारती मार्ग, राजेश पायलट मार्ग, डॉ. अब्दुल कलाम रोड, तुग़्ालक़ रोड व मदर टेरेसा क्रिसेंट मार्ग से जाने क सुझाव दिया है।
हड्डियों और मांसपेशियों की बढ़ती है मजबूती
कई प्रकार के असाध्य रोगों के साथ ही जीवनशैली संबंधी बीमारियों की संभावनाएं योग से हो जाती हैं कम योग को पीठ दर्द एवं गर्दन दर्द के इलाज में रामबाण माना जाता है
भारत की करीब 5000 साल पुरानी पद्धति, योग से हाइपरटेंशन, स्ट्रोक, दिल के दौरे, और मधुमेह जैसे जानलेवा गैरसंचारी रोगों (एनसीडी) का खतरा घटता है जबकि हड्डियों, रीढ़ एवं मांसपेशियों की सेहत में सुधार आता है और व्यक्ति की सक्रियता बढ़ती है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर चिकित्सा विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा कि योग विभिन्न बीमारियों की रोकथाम तथा चिकित्सा में कारगर है। देश के 35 फीसद कारपोरेट सेक्टर के लोग यह मानते हैं कि अन्य व्यायाम की अपेक्षा नियमित योग शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक है।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डा. उमेश कपिल ने कहा कि नियमित योगा से समस्त श्वसन पण्राली सक्रिय होने के साथ ही शरीर से निकलने वाले पसीने से कई प्रकार के असाध्य राोगों के साथ ही जीवनशैली संबंधी बीमारियों की संभावनाएं लगभग कम हो जाती है। इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ आर्थोपेडिक एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डा. राजू वैश्य ने बताया कि योग से हड्डियों के निर्माण में मदद मिलती है तथा आर्थराइटिस एवं ऑस्टियोपोरोसिस सहित कई मस्कुलोस्केलेटल (हड्डियों एवं मांसपेशियों की) समस्याओं को रोकने में मदद मिलती है। लेकिन अगर योग को सही तरीके एवं समुचित सावधानी के साथ नहीं किया जाए तो मांसपेशियों में खिंचाव, लिगामेंट के फटने और अन्य अधिक गंभीर नुकसान होने का भी खतरा हो सकता है। इंडियन कार्टलेिज सोसायटी तथा आर्थराइटिस केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. राजू वैश्य ने कहा कि योग के नियमित अभ्यास से हड्डियां मजबूत और स्वस्थ बनती हैं। इससे शारीरिक पोस्चर में सुधार होता है तथा स्पाइनल कार्ड को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। योग की मदद से पीठ दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। योग मांसपेशियों को लचीला बना देता है, हड्डियों में रक्त संचरण को बेहतर बनाता है तथा कैल्शियम होमोस्टेसिस को बनाए रखने में मदद करता है और इस प्रकार यह ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करता है। रीढ़ की सेहत के लिए फायदेमंद : फोर्टसि एस्कार्ट्स हार्ट इंस्टीटय़ूट एंड रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ स्पाइन सर्जन डा. राहुल गुप्ता ने कहा हालांकि कोई भी उपचार विधि हर किसी को फायदा नहीं पहुंचाती लेकिन योग के साथ ऐसे कई पहलू जुड़े हैं जिसके कारण योग को पीठ दर्द एवं गर्दन दर्द के इलाज में रामबाण माना जाता है। अनेक अध्ययनों से पता चलता है कि आठ सप्ताह तक हर सप्ताह कम से कम दो बार भी योग करें तो रीढ़ की ताकत, उसके लचीलेपन एवं झटके को सहने की शक्ति में काफी वृद्धि होती है जो कमर दर्द एवं गर्दन दर्द के मरीजों के पुनर्वास के लिए महत्वपूर्ण होता है। डिप्रेशन मुक्त जीवन : सेंटर फॉर चाइल्ड एंड पैरेंट मेंटल वेलबीइंग के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. राजेश कुमार ने कहा कि योग डिप्रेशन रोकने तथा मानसिक स्वास्य को सुधारने में भी कारगर है। योग न केवल आपको तनाव मुक्त करता है बल्कि यह आपके मानसिक सेहत को भी बनाए रखता है। नियमित रूप से योग करने पर अनिद्रा, डिप्रेशन एवं एंक्जाइटी के मरीजों को काफी फायदे होते हैं।
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