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’आप‘‘ को मिला 4CMका साथ

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17 Jun 18
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नई दिल्ली । नीति आयोग की चौथी संचालन समिति की बैठक कल राष्ट्रपति भवन के सभागार में होगी। नीति आयोग की किसी बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहली बार भाग ले रही हैं। धरने पर बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बैठक में शामिल होने के संकेत दिये हैं, जबकि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक शामिल नहीं होंगे। केजरीवाल-बैजल का आमना-सामना रोचक होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिन भर चलने वाली इस बैठक में केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। प्रशासनिक परिषद नीति आयोग का एक प्रमुख निकाय है जो राज्यों के सक्रिय सहयोग से राष्ट्रीय विकास की प्राथमिकताओं, क्षेत्रों तथा रणनीतियों के संदर्भ में एक साझा दृष्टिकोण विकसित करने के लिए कार्य करती है। यह पिछले वर्ष के दौरान किए गए कायरें की समीक्षा और भविष्य की विकास प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श करती है। केजरीवाल, अनिल बैजल और प्रधानमंत्री एक साथ बैठक में शामिल होंगे। केजरीवाल बैठक का फायदा उठाते हुए दिल्ली के नौकरशाहों का मामला उठा सकते हैं और ममता बनर्जी उनका समर्थन कर सकती हैं।
नई दिल्ली में शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर उनकी पत्नी सुनीता से मुलाकात करते (बाएं से) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी।
द नई दिल्ली (एसएनबी)। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के राजनिवास में छह दिनों से जारी धरने को उनके समकक्ष चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार को समर्थन किया। नीति आयोग की बैठक में भाग लेने राष्ट्रीय राजधानी आए पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर प्रेस कान्फेंस बुलाकर केजरीवाल के प्रति समर्थन प्रकट करते हुए उम्मीद जताई कि इस संवैधानिक संकट का हल जल्द निकाल लिया जाएगा।प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी ने कहा, संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। वहीं, केरल के मुख्यमंत्री ने पी. विजयन ने कहा, यह सिर्फ दिल्ली की बात नहीं है बल्कि पूरे भारत का मसला है। सभी नेताओं ने संयुक्त रूप से उपराज्यपाल को पत्र लिखकर उनसे मिलने का समय मांगा। ममता बनर्जी और विजयन के अलावा आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने राजनिवास जाकर केजरीवाल से मिलने की अनुमति मांगी, मगर उनको अनुमति नहीं दी गई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, दिल्ली देश की राजधानी है और यहां की जनता ने जिसे जनादेश दिया है, उसे काम नहीं करने दिया जा रहा है। तरह-तरह की बधाएं डालकर दिल्ली सरकार को सिर्फ इसलिए परेशान किया जा रहा है, क्योंकि वह भाजपा की विरोधी है। उन्होंने कहा, एक मुख्यमंत्री को उपराज्यपाल के आवास पर जाकर धरना देना पड़े, यह बहुत ही दुख की बात है। छह दिन हो गए हैं, लेकिन उपराज्यपाल केजरीवाल से मिल नहीं रहे हैं, बात नहीं कर रहे हैं, जिससे संवैधानिक संकट जैसी स्थिति बन गई है। ममता ने कहा, दिल्ली सरकार के साथ जैसा व्यवहार हो रहा है, इसका देश में गलत संदेश जा रहा है। मैं प्रधानमंत्री से मिलकर कहूंगी कि इस संकट का जल्द हल निकालें। दिल्ली सरकार का चार महीने से कामकाज ठप है, इससे दिल्ली के लोग प्रभावित हो रहे हैं, इसलिए प्रधानमंत्री इसमें हस्तक्षेप करें। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा, दिल्ली समूचे देश की राजधानी है, यहां के मुख्यमंत्री को धरना देना पड़े यह दुख की बात है।
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