जीवन को नियंत्रित करता है धर्म
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20 May 18
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उदयपुर ईश्वर की वंदना शरीर से नहीं मन से करें। मन को सही रास्ते पर लगाना है तो परमात्मा की भक्ति करें। मीठे बोल में ऐसा जादू है जिसमे धन भी खर्च नहीं होता और दूसरों का दिल जीता जा सकता है। मीठे बोल बोलने से ना तो आप गरीब होते हैं ना छोटे। ये विचार नारायण सेवा संस्थान द्वारा झांसी में आयोजित संगीतमय ’भागवत कथा ‘के समापन पर शनिवार को कथा वाचक पं. विनोद चतुर्वेदी महाराज ने व्यक्त किए।
उन्होने कहा कि धर्म के बिना जीवन का कोई महत्व नहीं है। यह एक ऐसी पद्धति है जो मानव जीवन को नियंत्रित और संयमित बनाती है। जो धर्म की रक्षा करते हैं धर्म उनकी रक्षा करता है।अगर धर्म के मार्ग पर चलोगे तो सद्गति और अधर्म के मार्ग पर चलोगे तो दुर्गति होगी। इसलिए मानव को सदैव धर्म का पालन कर जगत कल्याण के लिए काम करना चाहिए। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आस्था भजन चैनल पर किया गया। संचालन कुंज बिहारी मिश्रा ने किया ।
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