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कुरूक्षेत्र एवं पानीपत के युद्धों का साक्षी-हरियाणा-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल

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20 Sep 17
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 कुरूक्षेत्र एवं पानीपत के युद्धों का साक्षी-हरियाणा-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल सांस्कृतिक एवं धार्मिक वैभव के साथ आर्थिक रूप से सुदृढ हरियाणा राज्य की सैर पर चलते हैं। यही वह पावन भूमि है जहां कुरूक्षेत्र के कोरव एवं पाण्डवों के मध्य हुए युद्ध में भगवान ड्डष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश सुनाया था। इतिहास में विश्व प्रसिद्ध पानीपत के तीन युद्ध प्रसिद्ध है। खाद्यान एवं दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य ने देश को खाद्यान सम्पन्न बनाने में १९६० की हरित क्रान्ति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
हरियाणा उत्तरी भारत का एक ऐसा राज्य है जो उत्तर में पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान राज्यों की सीमाओं से जुडा है। राज्य की यमुना नदी उत्तर प्रदेश राज्य के साथ पूर्वी सीमा को परिभाषित करती है। राज्य की उत्तरी, पश्चिमी एवं दक्षिणी सीमा दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से जुडी हैं। गुरूग्राम (गुडगांव) एनसीआर का सबसे बडा आर्थिक हब बन गया है।
हरियाणा राज्य की स्थापना पंजाब से पृथक होकर १ नवम्बर १९६६ को २९ वें राज्य के रूप में हुई। चण्डीगढ ने केवल हरियाणा राज्य वरन् पंजाब राज्य की संयुक्त राजधानी होने के साथ-साथ संघीय प्रदेश भी है। हरियाणा राज्य का क्षेत्रफल ४४,२१२ वर्ग किमी है तथा यहां की जनसंख्या २,५३,५३,०८१ हैं। राज्य की साक्षरता ७६.६४ प्रतिशत है। राज्य को ८ संभाग एवं २२ जिलों में विभक्त किया गया है। यहां हिन्दी, पंजाबी एवं उर्दू भाषाऐं प्रमुख रूप से बोली जाती है। राज्य की भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण विशेषताऐं यमुना-घघर नदी का राज्य के बडे भाग में बहना, उत्तर-पूर्व में शिवालिक की मयूर पहाडयां, उत्तर-पश्चिम में अ(र् रेतीला क्षेत्र तथा दक्षिण में आरावली रेंज की पर्वत मालाऐं हैं। यमुना एवं घघर के साथ मारकानदा प्रमुख नदियां है। राज्य का पशु ब्लेक बक, पक्षी ब्लेक फ्रेनकोलीन, पुष्प गुलाब एवं वृक्ष पीपल हैं। पशु पक्षियों की दृष्टि से सम्पन्न राज्य की प्रमुख विशेषता है कि अनेक पर्यटक स्थलों का नाम पक्षियों के नाम पर रखा गया है। यहां दो राष्ट्रीय मार्ग एवं आठ वन्यजीव अभ्यारणय है।
अर्थव्यवस्था की दृष्टि से हरियाणा एशिया के सबसे विकसित राज्यों में आता है। मुख्य विशेषता है कि यह राज्य प्रति व्यक्ति आय की दृष्टि से तीसरे स्थान पर है। खाद्याय एवं दुग्ध उत्पादन में अग्रणीय राज्य में मैन्यूफेक्चरिंग उद्योगों से यहां विकास का स्थाई आधार बना है। बासमती चावल, कपास, गेहूँ, बाजरा, चना, ज्वार, सरसों की फसले प्रमुखता से की जाती है। हरियाणा कार, दुपहिया वाहन एवं ट्रेक्टर निर्माण में सर्वाधिक महत्वपूर्ण राज्य है।
कला एवं संस्कृति की दृष्टि से हर वर्ष फरवरी माह में आयोजित होने वाला अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का सूरज कुण्ड शिल्प मेला अपना विशेष महत्व रखता है। इस मेले से न केवल राज्य के वरन् भारत के हस्तशिल्पियों को अपनी हस्त कला का प्रदर्शन करने का मौका मिलता है वरन् हस्त कला को संरक्षण भी प्रदान करता है। यहां के नृत्य और गीतों के रूप में संस्ड्डति का परिचय ड्डषि अर्थव्यवस्था के विभिन्न अवसरों पर देखा जा सकता है। स्थानीय लोकगीत और नृत्य यहां की सांस्कृतिक झलक प्रस्तुत करते है। होली एवं ड्डष्ण जन्माष्टमी को विशेष उत्साह से मनाया जाता है। सूर्य ग्रहण पर पवित्र स्नान के लिए लाखों लोग देश के कोने-कोने से कुरूक्षेत्र आते है। हिसार के निकट अगोहा और पेहोवा प्रमुख प्राचीन तीर्थ स्थल है। विभिन्न देवताओं और संतों की स्मृति में मेलो का आयोजन यहां की संस्कृति की विशेषता है। हरियाणा की पारम्परिक हवेलियां अपनी कला के कारण दर्शनीय है।
हरियाणा राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में २३ ऐतिहासिक स्थल संरक्षित स्मारक के रूप में मौजूद है। राज्य की राजधानी चण्डीगढ देश का सुव्यवस्थित एवं सुनियोजित सुन्दर शहर है, जहां पर्यटन के अनेक स्थल दर्शनीय है। कुरूक्षेत्र, पानीपत, करनाल झील, बडकल झील, सूरज कुण्ड, सुल्तानपुर, सोहना, पंचकुला आदि पर्यटको के लिए आकर्षण का केन्द्र हैं। आवागमन की दृष्टि से हरियाणा दिल्ली के नजदीक होने से दिल्ली के इन्दरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के समीप है। चण्डीगढ में भी राज्य का मुख्य हवाई अड्डा है। हरियाणा रेल एवं सडक मार्ग से भी प्रमुख पर्यटक स्थलों से जुडा हुआ है।


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