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भारतीय संविधान निर्माण के सुपर नायक थे डॉ. अम्बेडकर

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27 Apr 17
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बाडमेर लोकतंत्र के पूज्य स्थल विधानसभा में डॉ. अम्बेडकर पर विधायक विजय बंसल का विवादित बयान कि डॉ. अम्बेडकर सविधान निर्माता नहीं थे विवादित वक्तव्य का डॉ. भीमराव अम्बेडकर समारेाह समिति एवं दलित संगठनों द्वारा घोर निन्दा की जाती है। पूर्व संयोजक भैरूसिंह फुलवारिया ने बताया कि संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बडकर अपमान स्वरूप विवादित बयान देने से पूर्व उनके संविधान निर्माण महत्वपूर्ण योगदान को समझना अति आवश्यक है क्योंकि डॉ. अम्बेडकर दलितों के मसीहा ही नही बल्कि स्वतंत्र भारत के संविधान में उद्देशिका, मौलिक अधिकार, समता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, प्रगाण औद दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण, कुछ दशाओं में गिरफतारी और निषेध से संरक्षण, शोषण के विरूद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार द्वारा नई क्रान्ति व जागृति लाने वाले पुरोधा थे।
डॉ. अम्बेडकर ने संविधान का प्रारूप निर्माण करने में कितनी मेहनत की, इसका अनुमान इससे लगता है कि संविधान सभा के सभी सदस्यों ने अम्बेडकर के काम की भूरि-भूरि प्रशंसा की। संविधान का प्रारूप स्वीकारे जाने के बाद संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने अपने धन्यवाद भाषण में कहा था- ‘‘किसी अन्य ने ऐसा महसूस नहीं किया होगा, जैसा मैनें किया है कि किस अद्वितीय परिश्रम और लग्न के साथ पारूप समिति तथा विशेषकर डॉ. अम्बेडकर ने अपनी अस्वस्था के बावजूद ये कार्य किया‘‘।
इस प्रकार भारतीय संविधान निर्माण में डॉ. अम्बेडकर की अग्रणी योगदान को याद करते हुए समारोह समिति संयोजक सुरेश जाटोल, कार्यक्रम प्रभारी भीखाराम मेघवाल, कोषाध्यक्ष ईश्वरचंद नवल, पूर्व संयोजक भैरूसिंह फुलवारिया, छगनलाल जाटोल, केवलचंद बृजवाल, तगाराम खती, श्रवण चंदेल, तिलाराम मेघवाल, भूराराम भील, मोहन सोलंकी, गौतम पन्नू, तोगाराम मेघवाल, पूराराम भाटीया, खेतेश कोचरा, बाबूलाल मोचलपुरिरया, राजेन्द्र कुमार फुलवारिया, जितेन्द्र जाटोल, प्रेम परिहार, धर्मेन्द्र फुलवारिया, अमृत लाल जाटोल, लीलाधर गोसाई, हेमराज फुलवारिया, गौतम खींची सहित जय भीम के अनुयायीयों ने भारतीय संविधान निर्माण का अचली नायक डॉ. अम्बेडकर को बताते हुए थोथी ख्याति प्राप्त करने के उद्देश्य से सिरफिरे बडबोले नेता विजय बंसल के विवादित बयान की घोर निन्दा करते हुए उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की। समय रहते कार्यवाही नहीं होने पर संविधान निर्माता डॉ. अम्बेडकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करने का आह्वान किया।

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