भक्ति और संगीत का अनूठा संगम “राम उसी ने पाया“ आज दर्पण प्रेक्षागृह में
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22 Oct 16
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उदयपुर. जिन्हें शास्त्रीय और सुगम संगीत में रस मिलता हो उनके लिए पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र और शहर की संस्था “मार्तण्ड फाउण्डेशन“ के संयुक्त प्रयास से एक अनूठी सांगीतिक सौगात मिलेगी।
इन्दौर की सांस्कृतिक संस्था “चैतन्य“ के कलाकार शनिवार 22 अक्टूबर की शाम 7 बजे शिल्पग्राम के दर्पण प्रेक्षागृह में रामायण संगीतिका “राम उसी ने पाया“ का भव्य प्रदर्शन करेंगे।
यह भगवान श्री रामचन्द्र जी के चरित्र पर आधारित प्रसंगों पर एक अनूठी भाव प्रधान व भक्ति सम्पूर्ण सांगीतिक प्रस्तुति होगी।
भारतीय जीवन दर्शन को सरल एवं सहज रूप में प्रस्तुत करने वाली तुलसी रामायण के मुख्य प्रसंगों पर आधारित अत्यन्त प्रसादिक व मौलिक रचनाओं की इस सांगीतिक प्रस्तुति की अवधि 90 मिनट होगी। रामचरित्र के कुछ महत्वपूर्ण प्रसंगों जैसे- माता कौशल्या को देव रूपी पुत्र की प्राप्ति, राम-भरत आदर्श बन्धु प्रेम, श्री हनुमान जी की भक्ति, सीता स्वयंवर, सेतु बन्धन, राम-रावण युद्ध इत्यादि से सुसज्जित यह प्रस्तुति शास्त्रीय एवं भक्ति संगीत के सुन्दर मिश्रण का नमूना है। इसमें पर्दे पर मुख्य प्रसंगों के चित्र दिखेंगे तो कलाकार उन्हीं प्रसंगों के अनुरूप गीत प्रस्तुत करेंगे।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि कार्यक्रम में प्रस्तुत पदों की रचना स्व. डॉ. ल. ज. हर्षे (सागर) की है। इसके संगीत रचना के साथ मुख्य स्वरों से संवारा है श्री संजय तराणेकर तथा श्रीमती शुभदा मराठे ने।
कोरस स्वर में विकास सुभेदार, श्रीमती रेखा मुळे, डॉ. ईश तराणेकर, श्रीमती मानसी तराणेकर और विजय सुपकर होंगे। प्रस्तुति का सूत्र संचालन श्रीमती छाया तराणेकर का होगा। तबले पर रीतेश घायाळ, ऑक्टोपेड पर भूपेश आमेटा और की-बोर्ड पर भेरू राव संगत करेंगे।
मार्तण्ड फाउण्डेशन के विलास जानवे ने बताया कि कार्यक्रम का प्रवेश निःशुल्क होगा।
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