नई दिल्ली । कांग्रेस के नेताओं को इस समय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की केरल यात्रा उचित नहीं लग रही है। गौरतलब है कि सोलर घोटाले में राज्य के एक मंत्री की कुर्सी छिन गई है और राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी की मुश्किलें भी बढ़ी हुई हैं। कांग्रेस ओमन चांडी को देश का सबसे ज्यादा साफ छवि वाला मुख्यमंत्री बताती रही है, लेकिन इस घोटाले में पकड़ी गई महिला ने जो बयान दिए हैं, उससे पार्टी भारी दुविधा में है। राज्य में चुनाव करीब हैं और विरोधी माकपा सोलर घोटाले पर चांडी को घेरने का मौका नहीं छोड़ रही, इसलिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की सलाह है कि राहुल गांधी 9 व 10 फरवरी के केरल दौरे में चांडी को चुनाव में पार्टी का चेहरा न बताएं। राहुल ने अपने असम दौरे में मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को चेहरा बताया था और पंजाब में प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही थी। मुख्यमंत्री ओमन चांडी कानूनी प्रक्रिया का भले ही सामना कर रहे हों, पर केरल में चुनाव करीब हैं, इसलिए पार्टी ने उनमें भरोसा बनाए रखा है। वैसे भी सोनिया-राहुल के बाद पार्टी में सबसे वरिष्ठ माने जाने वाले एके एंटनी का भी समर्थन ओमन चांडी को पहले जैसा ही अब भी मिला हुआ है। राहुल केरल में दो दिन रहने वाले हैं और पार्टी के नेता मानकर चल रहे हैं कि इस दौरान सोलर घोटाले को लेकर कई तरह के सवालों का सामना उन्हें करना पड़ सकता है। सोलर घोटाले की सूत्रधार जो महिला पकड़ी गई थी, उसके मुख्यमंत्री पर लगाए गए कथित आरोपों पर पार्टी अभी तक यह कहकर बचाव कर रही है कि मुख्यमंत्री बहुत भले और पारदर्शी राजनेता हैं। उनके बारे में पार्टी यह भी बताती है कि चांडी ने तो अपने कमरे में कैमरा लगा रखा है, जिसका सीधा प्रसारण होता है। पार्टी यह भी कहती है कि चांडी पूरे समय लोगों के लिए उपलब्ध नेताओं में से हैं और इसकी वजह से अपने परिवार पर भी ध्यान नहीं दे पाते हैं। हालांकि पार्टी के पास इसका कोई संतोषजनक उत्तर नहीं है कि उक्त महिला मुख्यमंत्री चांडी के स्टॉफ के इतने करीब कैसे पहुंच गई थी और बहुत लंबे समय तक रही। पार्टी इसका भी ठीक से उत्तर नहीं दे पाती है कि जिस मंत्री को इस मामले में इस्तीफा देना पड़ा है, क्या उसके भी महिला से रिश्तों से पार्टी इनकार करती है।