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’’शरद रंग‘‘ में क्लासिकल फ्यूजन

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29 Oct 17
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’’शरद रंग‘‘ में क्लासिकल फ्यूजन उदयपुर, पश्चिम क्षत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित पांच दिवसीय ’’शरद रंग‘‘ व फूड फेस्टीवल में शनिवार शाम दिल्ली से आये कलाकारों ने हिन्दुस्तानी वाद्य यंत्रों तथा पश्चिमी के विद्युत चालित साजों के साथ एक अनूठा फ्यूजन उदयपुर के दर्शकों के समक्ष परोसा जिसके साथ सूफी गीतों ने एक अलग रंग जमाया। पांच दिन तक कला के विभिन्न रंग व फूड की परोसकारी करने वाले इस उत्सव का समापन रविवार को होगा। रविवार को दिल्ली के दल वी आर वन के दिव्यांग बालकों की नृत्य प्रस्तुति व अन्य प्रस्तुतियाँ वियोष आकर्षण का केन्द्र होगी वहीं इस अवसर पर अन्वेषणा नई दिल्ली द्वारा नृत्य प्रस्तुति दी जावेगी।
हवाला गांव स्थित कला परिसर शिल्पग्राम के मुकताकाशी रंगमंच ’’कलांगन‘‘ पर उत्सव के चौथे दिन नई दिल्ली की संस्था अमीर खुसरो सेन्टर फॉर म्यूजिक के कलाकारों ने ’’क्लासिकल फ्यूजन में अपने फन से दर्शको को लुभाया। प्रसिद्ध वॉयलिन वादिका तथा उस्ताद अमजद अली खां व सारंगी वादक पं. राम नारायण से वॉयलिन की यिाक्षा लेने वाली अनुप्रिया देवताले के नेतृत्व में कलाकारों ने एक अनूठी महक कला की बिखेरी। इस फ्यूजन में एक ओर जहां भारतीय साज वॉयलिन, सितार, तबला आदि थे वहीं दूसरी ओर ड्रम्स, की बोर्ड व स्पेनिश व बेस गिटार जेसे साज थे। इन सभी साजों की जुगलबंदी और उनका सामंजस्य काबिले तारीफ रहा। एक ओर अनुप्रिया के वॉयलिन से प्रस्फुटित होता एक गम्भीर स्वर तो उन्ही सवरों को झंकृत करती फतह अली खां के अंगुलियों की थिरकन स ेउपजी सितार की स्वर लहरियाँ और साथ में तबले की गमक इन सब के साथ ड्रम्स पर स्टिक की रॉलिंग, बेस ड्रम व डिस्क का झंनझनाता स्वर दर्शकों को खूब भाया।
क्लासिकल फ्यूजन की शुरूआत राग हंस ध्वनि में निबद्ध एक रचना से हुई जिसकी शुरूआत वॉयलिन से हुई और बाद में एक-एक कर सभी साज जुडते गये और इनके सुरों के सम्मिश्रण व लयबंदी ने दर्शक दीर्घा में मौजूद दर्शकों को रोमांचित सा कर दिया। इसके बाद वोकलिस्ट जिवेश सिंह ने एक सूफी गीत ’’तुम्हें दिललगी भूल जानी पडेगी, मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो‘‘ सुना कर दर्शकों की तालियाँ बटोरी। क्लासिकल फ्यूजन में तबले पर जुहेब खां, ड्रम्स पर श्रेहंस खुराना, की बोर्ड पर विशाल दीक्षित, बेस गिटार पर सनी डोगरा तथा लीड गिटार पर सलिल चार्या ने अपने फन से समां बाधा।
इससे पूर्व शिल्पग्राम के फूड फेस्टीवल में लोगों ने जहां विभिन्न व्यंजनों के चटखारे लिये वहीं लोक कलाकारो पंजाब के बाजीगरों के हैरत अंगेज करतबों तथा बम रसिया में लोक वाद्य ’बम‘ के साथ रसिया गाते हरियाणा के कलाकारों की प्रस्तुतियों का आनन्द उठाया। यानिवार को देर रात तक लोग विभिन्न फूड स्टॉल्स पर अपने परिवार जनों व दोस्तों के साथ जमे रहे। इनमें बिहार का मिष्ठान्न चन्द्रकला, उदयपुर के पाक शिल्पी राधेश्याम द्वारा बनाया स्पाइडरमैन, हरियाणा का जलेबा, लखनऊ के वाहिद व उनके साथी खानसामों द्वारा बनाया लजीज व निरामिष भोजन लोगों के जिबान पर स्वाद चढ कर बोल रहा है।


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