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इतिहास में मेवाड का योगदान अभूतपूर्व ः श्रीमती वत्स

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03 May 17
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उदयपुर,यहां सिटी पैलेस स्थित महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर द्वारा शहर की ऐतिहासिक एवं प्राचीन धरोहर के संवर्द्धन, संरक्षण के उद्देश्य से किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी पर्यटकों को मिलें इस बाबत स्थानीय गाइडों के लिए विशेष कार्यशाला सोमवार को आयोजित की गई। कार्यशाला मे´ दिल्ली की संस्थान इतिहास की विषय विशेषज्ञ स्मिता वत्स ने गाइडों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी।
उल्लेखनीय है कि यह संस्थान नेशनल म्यूजियम दिल्ली, संपूर्ण भारत में स्थापित दी गांधी म्यूजियम एवं इंदिरा गांधी ट्रस्ट के इतिहास एवं वर्तमान की जानकारियों के प्रोम्त्साहन हेतु कार्यरत है।
सुनिता वत्स ने बताया कि इतिहास में मेवाड का योगदान अभूतूपर्व है एवं गाइडों को इसके भूत, भविष्य एवं वर्तमान की जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने संग्रहालय के विरासत के विभिन्न आयायों पर रोचक जानकारी दी। इस अवसर पर शहर के अनेक गाईड एवं फाउण्डेशन के अधिकारी उपस्थित थे।
इन्होंने लिया भागः सोमवार को आयोजित कार्यशाला में किशन गोपाल सिंह धाबाई, कृष्ण गोपाल शर्मा, कमलीजीत सिंह सोलंकी, कमलेन्द्र सिंह चुण्डावत, कान सिंह राजपूत, कपिल सिकलीगर, करणी सिंह चौहान, खुमाण सिंह भाटी, कोमल सिंह चौहान, कुशाल सिंह चुण्डावत, लक्ष्मीलाल शर्मा, ललित कुमार मेघवाल, लोकेन्द्र सिंह राठौड, जगदीश मुण्डानिया, लोकेश सिंह राठौड, लवेश सुखवाल, महेन्द्र सिंह झाला, मंगलचन्द शर्मा, मसूद अहमद शेख, मोहम्मद हुसैन शेख, मदन लाल छाबडा, महेन्द्र सिंह शक्तावत, महेन्द्र शर्मा, महेन्द्र पुजारी, महिपाल सिंह राणावत, मान सिंह चौहान, मंगू खान पठान, मनीष जोशी, मनजीत सिंह चौहान, घनश्याम सिंह शक्तावत, घनश्याम सिंह चौहान, रिपुदमन सिंह राठौड, गोविन्द सिंह राठौड, दिग्विजय सिंह राणावत, अयाज मोहम्मद, जैमिनी वल्लभा शास्त्री, विक्रम देव पालीवाल, आकाश टिक्का, शेख मोहम्मद इदरिस, भंवर सिंह राणावत, जितेन्द्र सिंह विशावत, महेन्द्र सिंह झाला, हरि सिंह पंवार ने भाग लिया।

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