GMCH STORIES

मीनाक्षी सिंह का कविता-संग्रह "बस तुम्हारे लिए"

( Read 21840 Times)

14 Apr 17
Share |
Print This Page
 मीनाक्षी सिंह का कविता-संग्रह "बस तुम्हारे लिए" मीनाक्षी सिंह को मैं करीब 5 वर्षो से सोशल मीडिया के माध्यम से जानता हूँ हालाकिं मेरा उनसे मिलना कभी नहीं हुआ l इनकी हर रचना मैं पढ़ता रहा हूँ और लगभग हर रचना पर हमारा वार्तालाप होता रहा हैं l यह विभिन्न न्यूज़ पेपर, पत्रिकाओं में लिखती रही हैं l मुझे ध्यान हैं एक बार साहित्यकारों के आयोजन में, मैने कहाँ था देश में छुपी प्रतिभाओ को आगे लाना ऐसे आयोजनों का उद्देश्य होना चाहिए, यह बात कई गुमनाम साहित्यकारों के साथ-साथ मीनाक्षी सिंह को भी जेहन में रख कर कही थी l मैने पिछले 5 वर्षो में मीनाक्षी सिंह की कवितायेँ, कहानी, आलेख पढ़े हैं l मीनाक्षी सिंह की अधिकतर रचना समय को लांघकर रची गई सशक्त कृति, सरसता, रोचकता एवं सहजता से गुंथी हुई होती हैं l आज के सन्दर्भ में यह कविता संग्रह "बस तुम्हारे लिए" जनमानस को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करता है l


"बस तुम्हारे लिए" मीनाक्षी सिंह का पहला कविता संग्रह है l मीनाक्षी सिंह अपने प्रथम कविता संग्रह की कविताओं में, वे जिस तरह रिश्तों और मानवीय संबंधों की कड़ी पड़ताल करती हैं, वह हैरानी भरा है l इन कविताओं में मुख्यतः आधुनिक जीवन में बदलते रिश्तों और संवेदनाओं को पकड़ने की भरपूर कोशिश गई है l
मीनाक्षी सिंह का कविता संग्रह निश्चय ही पठनीय है और विचारणीय भी l प्रस्तुत कविता संग्रह में मीनाक्षी सिंह की 68 कविताएं हैं । ये सभी कविताएं मन का बहुत स्नेह से स्पर्श करती हैं और फिर पढने वाले को अपना बना लेती हैं । पढऩे वाला प्रसन्न हो जाता है । उसे प्रसन्नता इस बात की भी होती है कि उसके कीमती समय की कीमत कुछ बेशकीमती कविताओं के साथ संपन्न हुई l सबसे खास बात इस कविता संग्रह का यह है इसमें हर तरहा की कविताये हैं l
मीनाक्षी सिंह के कविता संग्रह में उनके मन को समझना और उसमें सकारात्मक भाव बनाए रखना ही उत्थान का मनस्वी मार्ग है । चूँकि व्यष्टि और समष्टि का दृष्टिकोण ही जीवन को परिभाषित करता है। समष्टि भाव विश्व-मैत्री की राह प्रशस्त करता है । मीनाक्षी सिंह की रचनाओं में इसकी स्पष्ट छवि दिखाई देती है । काव्य-से सरल जीवन को हमने ही कंटका कीर्ण बना दिया है । व्यक्ति के वर्तमान जीवन में चहुं ओर नाना प्रकार के मानसिक उद्वेलन दिखाई देते हैं । राग-लालच-ईर्ष्या समेत अनेक नकारात्मक भाव भी मन को शांति से नहीं रहने देते । जीवन के हर क्षेत्र में तनाव व्याप्त है । क्योंकि तनाव देने वाले विविध आयाम जीवन के हर क्षेत्र में विद्यमान हैं । कई बार व्यक्ति स्वयं भी जाने-अनजाने अनेक तनावों के ताने-बाने बुन लेता है, और उनमें उलझ कर रह जाता है । ऐसे में उसके मन की वीणा के तार प्राय: मौन ही रहते हैं । लेकिन जब मीनाक्षी सिंह की कविताएं हौले-हौले से वीणा के तारों की संगत के लिए मचल उठती हैं तो फिर मन में झंकार उत्पन्न करके हीं मानती है । यही नहीं, जब जगत् व्यापी कोलाहल, भीषण गर्जन करने पर आमादा हो जाता है, तब मीनाक्षी सिंह की ये कवितायें अपनी प्रवाहमयी, लयात्मक भाषा-शैली के माध्यम से गुनगुनाते, पढ़ते वाले के आंखों के बीहड़ से होकर भावनाओं के स्नेहसिक्त सेतु-सी चलती-चलती हृदय-मार्ग से भीतर तक उतर आती हैं । मीनाक्षी सिंह की कविताओं में चाहतों का आसमां (प्यार भरी रचनाये), जीवन के यथार्थ धरातल पर मानव स्वभाव को झकझोरती कविताएं, इंसान के जिंदगी में यादों का अहसास सुकून ए दर्द, रीते रीते पल एवं वर्तमान सोशल मीडिया से लेकर वर्तमान हालातो से झूझती नारी पर लिखी कवितायें हैं l हाँ, एक कमी इस कविता संग्रह में मुझे महसूस हुई, वो यह कि मीनाक्षी सिंह, जो की एक एयर फोर्स ऑफिसर की बेटी हैं, मुझे लगा था इनके कविता संग्रह में देश भक्ति से प्रेरक कवितायें बहुत होगी, लेकिन मुझको 4 कवितायें ही ऐसी नजर आई हैं l मुझे आशा हैं मीनाक्षी सिंह के अगले कविता संग्रह में देश भक्ति से प्रेरित ज्यादा से ज्यादा कवितायें पाठक को पढ़ने हेतु मिलेगी ।

Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Literature News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like