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बेटी की पढ़ाई के लिए छोड़ी आरपीएस की जॉब

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19 Mar 18
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बेटी को मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करवाने के लिए डीएसपी डॉ. सीमा चौहान ने जॉब छोड़ दी। ये उनकी ड्रीम जाॅब थी जो उन्होंने 20 साल तक कॉलेज लेक्चरर की नौकरी करने के बाद हासिल की थी। अब डॉ. सीमा स्टूडेंट्स को आरएएस और आईएएस की फ्री कोचिंग देंगी। गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर और ज्योग्राफी डिपार्टमेंट की हैड डॉ. सीमा ने बताया कि पुलिस की जॉब मेरे लिए गर्व का विषय थी, लेकिन बेटी की पढ़ाई के लिए 2 साल बाद छोड़ दी। अब अन्य स्टूडेंट्स का फ्यूचर बनाने मदद कर सकूं तो इससे बड़ी खुशी की बात कोई नहीं होगी।
डॉ. सीमा ने बताया कि महज साढ़े 23 साल की उम्र में मुझे कॉलेज लेक्चरर की जॉॅब मिल गई। 1995 से 2015 तक 20 साल तक कॉलेज में टीचिंग की जॉॅब की। इसके बाद 26 नवंबर 2015 से 16 नवंबर 2017 तक कोटा सिटी में बतौर डीएसपी पुलिस सर्विस ज्वॉइन की। इस दौरान उन्होंने दो दर्जन से अधिक मामले सॉल्व किए। सबसे बड़ी बात उन्होंने कभी भी अपराधियों से सख्ती नहीं की। डॉ. सीमा को कॉलेज लेक्चरर के अलावा तहसीलदार, जिला उद्योग अधिकारी, बीडीओ की नौकरी भी मिली, लेकिन उन्होंने ज्वॉइन नहीं किया। 2012 में आरएएस की परीक्षा में आरपीएस कैडर मिला तो उनका सपना पूरा हुआ। अब वो गरीब बेटियों को भी पढ़ाएंगी। इसके अलावा आईएएस, आईपीएस, आरएएस और आरपीएस की कॉलेज में निशुल्क कोचिंग करवाएंगी। इसमें उनके पति एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजय विक्रमसिंह भी सेवाएं देंगे।
गवर्नमेंट कॉलेज में ज्योग्राफी की एचओडी प्रो. सीमा चौहान की कहानी जो देती है समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा
तब चपरासी तक नहीं बना पाई, अब 100 अफसर बना सकती हूं
भगदड़ में बचाई थी बुजुर्गों-बच्चों की जान :अजमेर के उर्स में सीमा की ड्यूटी शरवी गेट पर थी। तंग गलियों से भगदड़ मच गई। बुजुर्ग और बच्चे भीड़ में फंस गए थे । डॉ. सीमा ने बुजुर्ग और बच्चों को दुकानों के अंदर ले लिया और लोगों को एकदूसरे के कंधे पकड़कर निकलने के लिए कहा। उनके इस क्राउड मैनेजमेंट की वजह से कोई हादसा नहीं हुआ।
टास्क जो यादगार रहे
डॉ. सीमा कहती कि मुझे खाकी वर्दी की जॉब अच्छी लगती है, लेकिन बेटी की एजुकेशन के लिए समय नहीं दे पाती थी। मैं आरपीएस में 4 चपरासी तक नहीं बना सकती थी, लेकिन अब पढ़ाकर 100 अधिकारी बना सकती हूं। जरूरतमंद युवाओं काे सही गाइडेंस मिले तो वो कुछ भी कर सकते हैं।
पुलिस की 2 साल की जॉब, 20 साल की नौकरी से कहीं अधिक
उन्होंने बताया कि पुलिस की 2 साल की जॉब यादगार रहेगी। ये 2 साल मेरी कॉलेज लेक्चरर की 20 साल की जॉॅब से कहीं अधिक हैं। एसपी सिटी अंशुमन भौमिया ने कोटा में मिले अलग-अलग टास्क की वर्किंग में पूरा सपोर्ट किया।
ढाई घंटे में सॉल्व कर दी चोटी काटने की घटना :प्रदेश में पिछले साल चोटी काटने की घटनाओं ने लोगों को झकझोर दिया था। उद्योग नगर में भी ऐसी ही घटना हुई। डॉ. सीमा ने पीड़ित बालिका को पॉर्लर ले जाकर चोटी काटने का डेमो दिखाकर पूछताछ की तो उसने खुद चोटी काटने की बात कबूल कर ली।

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