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टोल वसूली के पहले दिन बिगड़ी व्यवस्था, हैंगिंग ब्रिज पर लगा 9 घंटे जाम

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19 Mar 18
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हैंगिंग ब्रिज पर रविवार को पहले दिन ही टोल वसूली की व्यवस्था बिगड़ गई। सुबह 8 बजे से शाम 5 तक दोनों ओर लंबा जाम लगा रहा, हजारों फंसे रहे। इसे देखते हुए पुलिस को व्यवस्था संभालनी पड़ी। शाम को हालात ये हो गए कि पुलिस ने टोल वसूली बंद करवाकर वाहनों को वहां से निकाला। इसके बावजूद जाम खत्म होने में करीब एक घंटे लगे। वाहन चालकों का कहना था कि जब हैंगिंग ब्रिज से होकर रोज हजारों लोग डाबी, गरड़िया महादेव और नांता जाते हैं। नदी पार क्षेत्र से भी लोगों का रोज इसी रास्ते से आना-जाना होता है। कोटा यूनिवर्सिटी, आरटीयू और कोचिंग में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स भी आते हैं। इनमें टोल वसूली को लेकर गहरी नाराजगी थी। वहीं ठेका कंपनी व एनएचएआई के अधिकारियों ने दो दिन में व्यवस्था सुधारने का दावा किया है।
एनएचएआई ने हैंगिंग ब्रिज के दोनों छोर पर रविवार को सुबह 8 बजे से टोल वसूली शुरू कर दी। पर्ची काटने की गति धीमी होने से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। शाम 4 बजे तक तो हालात यह हो गए कि वाहनों की लाइन रावतभाटा रोड तक आ गई, वहीं दूसरी ओर नांता मोड़ तक जाम लग गया। इसे देखते हुए आरकेपुरम थाने के सीआई धनराज मीणा वहां पहुंचे। इसी समय कांग्रेसी वहां प्रदर्शन करने पहुंच गए। इसके बाद सीआई ने टोल कंपनी के अधिकारियों से बात करके बिना टोल लिए वाहनों को निकलवाया। शेष|पेज 11 पर
कोटा के लोगों से टोल वसूली क्यों?
08 बजे सुबह से शाम 5 बजे तक लगा रहा जाम
04
किमी जाम पुल के दोनों छोर पर
20 हजार लोगों को परेशान होना पड़ा जाम से
बिना व्यवस्था के टोल लगाना गलत :यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों ने कहा कि टोल लगाने के निर्णय ने हमें जाम में फंसा दिया। एनएचएआई की आधी अधूरी व्यवस्था का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है।
बंद करवाएंगे वसूली : सांसद
कोटा के लोगों से टोल की वसूली नहीं होने दी जाएगी, टोल संचालक की दादागिरी व गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोटा के वाहनों को टोल से मुक्त करना ही होगा। इसके लिए मैंने पहले भी मंत्री से बात की थी , अब फिर कह रहे हैं, सोमवार को इस बारे में दिल्ली जाकर मंत्री से बात करेंगे। कोटा के लोगों को इससे मुक्ति मिलनी ही चाहिए।
-ओम बिरला, सांसद
टोल वसूली गलत : धारीवाल
यह हाइवे व हैंगिंग ब्रिज किसी निजी कंपनी से नहीं बनवाया गया, जिससे उसकी राशि टोल से वसूली जाए, इसे तो एनएचएआई ने बनाया है। एनएचएआई ने ही पैसा लगाया है, इसलिए इस पर टोल की वसूली ही गलत है। कोटा के वाहनों से वसूली तो पूरी तरह गलत है। सरकार पूरी तरह दिवालिया हो गई इसलिए इस प्रकार से पैसे वसूल कर रही है। इसे बंद किया जाना चाहिए।
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