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आश्रय भवन में आयोजित गोश्ठी में

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16 Dec 17
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कोटा, श्री करनी नगर विकास समिति के झालावाड रोड स्थित आश्रय भवन में आयोजित गोश्ठी में अर्थषास्त्री डॉ. गोपाल सिंह ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था विकास दर की दृश्टि से विष्व में सबसे अधिक दर से बढने वाली अर्थव्यवस्था तो है किन्तु यह गरीबी, बेरोजगाी, महंगाई जैसी अनेक समस्याओं से अभी भी ग्रसित है आने वाले वर्शो में अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक सुधारो के कारण विकास दर बढने की सम्भावना है किन्तु यह विकास रोजगारहीन नहीं होना चाहिए आगे उन्हनें ने बताया कि हमारी अर्थव्यवस्था का भविश्य उज्जवल है यह बात निष्चित है क्योंकि अर्थव्यवस्था के मूल में हमारे समाज की संरचना है। हमारे यहॉ गांव तक अर्थ का महत्व जानने वाले है भले ही वह बिना पढे लिखे है। आज के लोग पैसों को बिना सोचे समझे खर्च करने को तत्पर है जबकि पहले के लोग भविश्य का ध्यान रखकर खर्च करते थे वो ही संस्कार अब भी अंधिकाष लोगो में है। मध्यमवर्गीय समाज हमारी अर्थनीति की रीढ है उसी को ध्यान में रखकर अर्थनीती निर्माण होती है। जी.डी.पी. हमारी कम हो रही है तथा महंगाई बढ रही है। क्रूढ ऑयल के भाव बढने से महंगाई और बढ सकती है।

इसके पूर्व डॉ. के.एस.राजोरा ने बताया कि अखबारों तथा टी.बी. आदि में विभिन्न प्रकार के मत मिलते है। विदेषी ऐजेंसिया भी भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में अलग-२ प्रकार की भ्रातिंया पैदा करती है। श्री षिव नारायण उपाध्याय ने वेदों के महात्म्य का वर्णन किया उन्होनें कहा कि वेदो में हर किसी विशय का समाधान ढूंढ सकते है। राजनीति, अर्थनीति, सामाजिक नीति साथ ही आयुर्वेद आदि सबका श्रेश्ठ रूप देखने को मिलता है। प्रो. हरिमोहन षर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।


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