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उत्तर कोरिया तैयार कर रहा घातक जासूस

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24 May 15
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दुनिया के सबसे अलग थलग देश उत्तर कोरिया आर्थिक विकास और आधुनिक आधारभूत संरचना के मामले में भले ही शेष दुनिया से पीछे है। लेकिन पश्चिमी देशों और पड़ोसी दक्षिण कोरिया की जासूसी कर उन्हें नुकासन पहुंचाने के इरादे से जेम्स बांड की तर्ज पर जासूसों को तैयार करने के मामले में उसका कोई सानी नहीं है। यह खुलासा खुद उत्तर कोरिया के लिए बतौर जासूस काम कर चुके खुफिया एजेंट किम डोंग सिक ने किया है।

सिक को दक्षिण कोरिया सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था। मीडिया को दिए साक्षात्कार में कहा कि उत्तर कोरिया के तानाशाह अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए जासूसों को अहम मानते हैं। इसलिए उनकी ट्रेनिंग और हथियारों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उनको टॉर्च गन जैसे आधुनिकतम हथियार मुहैया कराए जाते हैं। वर्ष 1990 के दशक में दक्षिण कोरियाई मिशन पर भेजा गया था। उसे दो जिम्मेदारी दी गई थी।
पहला दक्षिण कोरिया में काम कर रहे उच्चस्तर के जासूस ली की वापसी कराना और दूसरा उन लोगों की भर्ती करना जो उत्तर कोरियाई सरकार के प्रति सहानुभूति रखते हैं।

किशोरवस्था में ही शुरू हो जाती
ट्रेनिंग: जासूसी की ट्रेनिंग देने के लिए 10 कक्षाओं में पढ़ने के दौरान ही होशियार बच्चों का चुनाव कर लिया जाता है। उन्हें चार साल का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें स्कूबा डाइविंग, विस्फोट करने के गुर सिखाए जाते हैं।

पड़ोसियों के लिए खतरा
अमेरिका व दक्षिण कोरिया का आकलन है कि उत्तर कोरिया के सैकड़ों जासूस दुनिया के विभिन्न देशों में अपना काम कर रहे हैं। वह 1984 से कोरिया एकीकरण प्रभाग से जुड़ा व इसका एक काम अमेरिका, दक्षिण कोरिया व जापान जैसे देशों में जासूसों को भेजना है।

भूल की माफी नहीं
उत्तर कोरियाई जासूसों को भूल सुधारने का कोई मौका नहीं दिया जाता। उन्हें हिदायत है कि पकड़े जाने पर वे आत्महत्या कर लें। बकायदा उन्हें प्वाइजन पेन और टॉर्च गन दी जाती है।
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