बेंगलूरु। कर्नाटक के हासन जिले में एक 19 वर्षीय महिला ने 6.82 किलोग्राम की बच्ची को जन्म दिया है। आमतौर पर इतना वजन छह माह के शिशु का माना जाता है। इस बच्ची को दुनिया की सबसे अधिक वजनी न्यूबॉर्न माना जा रहा है। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं लेकिन दोनों को चिकित्सकों की देखरेख में रखा जा रहा है।
बेलूर तालुक में डोड्डिहल्ली की रहने वाली नंदिनी ने 23 मई को शाम करीब सवा छह बजे हासन इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस) में इस बच्ची को जन्म दिया था।
एचआईएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर के शंकर का कहना है कि सिजेरियन सर्जरी के बाद बच्ची का जन्म हुआ। उन्होंने बताया कि यह अभी तक देश में जन्मी सबसे अधिक वजन वाली बच्ची है। इससे पहले एक नवजात बच्ची का वजन 5.8 किलोग्राम था।
स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने अपने करियर में इतना वजनी बच्चा नहीं देखा। नंदिनी की बच्ची ने 2014 में मैसाच्यूसेट्स में जन्मे 6.3 किलो के कैरिसा रुसैक को भी पीछे छोड़ दिया है। डॉक्टरों को बच्ची के वजन को देखते हुए डायबिटीज या थायरॉइड होने की आशंका थी लेकिन जांच में सब कुछ सामान्य आया।
डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची की शारीरिक बनावट अपनी मां पर गई है। बच्ची की मां नंदिनी की लंबाई पांच फीट नौ इंच है और उसका वजन 94 किलो है। गौरतलब है कि यह बच्ची नंदिनी और उसके पति अरुण की पहली संतान है।
साल 2015 के नवंबर माह में भारतीय महिला फिरदौस खातून ने 6.3 किलो से अधिक वजन के बच्चे को जन्म दिया था। दुनिया में अब तक के सबसे वजनी बच्चे का रिकॉर्ड कनाडा में 1879 में जन्मे 10.4 के बच्चे का है। हालांकि जन्म के 11 घंटे के बाद ही इस बच्चे की मौत हो गई थी। इसके बाद इटली में 1955 में जन्मे 10 किलो के स्वस्थ बच्चे के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज है।