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रोजाना ईयरफोन लगाने से कम होती हैं सुनने की क्षमता

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15 Mar 18
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तेज आवाज के साथ एक्सपोजर होने पर सुनने की क्षमता कम होती है। अभी तक लोगों में यही धारणा बनी हुई थी, लेकिन अब ईयरफोन का रोजाना इस्तेमाल करना भी कानों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है।
लंबे समय तक ईयरफोन लगाने से कान की नस खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा होने पर सबसे पहले कान में सनसन और झनझन की आवाज आना शुरू होती है। शुरुआती इन लक्षणों को पेशेंट्स पहचान नहीं पाते हैं। प्रॉब्लम ज्यादा बढ़ने पर पेशेंट्स इसी आवाज के लक्षण के आना शुरू करते हैं। इसके अलावा सिरदर्द और कान में भारीपन भी महसूस होता है। समय पर इस प्रॉब्लम का इलाज शुरू कर दिया जाए तो यह जल्दी ठीक हो जाती है। अन्यथा यह हियरिंग लॉस में बदल जाती है। छह महीने से एक साल तक रोजाना ईयरफोन का इस्तेमाल करने पर कानों से आवाज आना शुरू होती है। हालांकि, जब हम काम कर रहे होते हैं तो यह आवाज सुनाई नहीं देती है। शांत वातावरण में यह आवाज हमें परेशान करती है। कान में आवाज आने पर कंसट्रेशन नहीं बन पाने के कारण बच्चे पढंाई पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। इससे स्कूल में उनकी परफॉर्मेंस खराब होती है। इसलिए नाइॅज को अवॉइड करें।
क्या है ट्रीटमेंट
मल्टीविटामिन की टेबलेट के साथ नाक में ड्रॉप भी डालने की सलाह दी जाती है। यदि यह दो से चार दिन की प्रॉब्लम हैं तो महीनेभर में ठीक हो सकती है। ज्यादा पुरानी बीमारी होने पर यह ठीक होने में लंबा समय लेती है। यह रिवर्सबल और इररिवर्सबल दो तरह की प्रॉब्लम हैं। रिवर्सबल कुछ महीनों में ठीक होती है। इररिवर्सबल को ठीक होने में लंबा समय लगता है। एयरपोर्ट और ट्रेन की फैक्टरी के पास घर है तो ईयर प्लग लगाएं। इयरफोन लगाएं। टीबी की दवाइयां भी सुनने की क्षमता को नुकसान पहुंचाती है। एंटी मलेरिया ड्रग्स से भी कानों को नुकसान पहुंचता है।

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