दबे हुए नाक की पहली बार उदयपुर में हुई प्लास्टिक सर्जरी
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25 Jul 17
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उदयपुर। जन्मजात दबे हुए नाक की जीबीएच अमेरिकन हॉस्पिटल में प्लास्टिक सर्जरी संभव हो पाई। इस सर्जरी से अब युवक का चेहरा साधारण व्यक्ति की तरह हो सका है। ईएनटी सर्जन डॉ. कनिष्क मेहता ने इस तरह की सर्जरी उदयपुर में पहली बार होने का दावा किया है।
ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने बताया कि जीबीएच अमेरिकन हॉस्पिटल के ईएनरटी विभाग में पहली बार दबे नाक के युवक की प्लास्टिक सर्जरी संभव हुई। चित्तौडगढ के युवक के जन्म से ही नाक दबी हुई थी। इसी तरह उदयपुर के एक युवक के खेलते समय नाक पर चोट लगने के बाद बचपन में नाक टेडी हो गई थी। इन दोनों मामलों में युवकों की नाक का एक तरफ का श्वास लेने का छेद बंद था और नाक भी टेडी थी। नाक के इस दबाव को खोलते हुए डॉ. कनिष्क मेहता ने इंप्लांट कर प्लास्टिक सर्जरी की। डॉ. मेहता के अनुसार इस तरह की सर्जरी उदयपुर में पहली बार हुई है। इस तरह की सर्जरी को मेडिकल साइंस में राइनोप्लास्टी कहा जाता है।
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