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तंबाकू मुक्त दिल्ली के लिए आप सरकार ने लिए अह्म फैसले

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28 Feb 17
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मैक्स इंडिया फाउंडेशन की मोहिनी दलजीतसिंह बतातीं है कि वर्तमान में अस्पताल में प्रतिदिन तबंाकू से होने वाले मुंह, और गला कैंसर के रेागियेां की बाढ़ सी आई हुई है। दुःख की बात यह है कि अभी जो मरीज आ रहे है उनमें अधिकतर युवा है।

दिल्ली में 24.3 प्रतिशत (30 लाख 73 हजार 632) लोग किसी न किसी रुप में तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे है। किशोर उम्र के जो लड़के लड़कियां धूम्रपान करतें है,उनमें से 50 प्रतिशत लोग तंबाकू से जुड़ी बीमारियेां से पीडि़त होकर दम तोड़ देतें है। औसतन धम्रपान करने वाले व्यक्ति की आयु धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति की तुलना में 22 से 26 प्रतिशत तक घट जाती है।

देश की राजधानी को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए आप सरकार ने अह्म फेसले लिए है। जिसमें स्वास्थ्य एंव चिकित्सा विभाग की तंबाकू नियंत्रण सेल और खादय सुरक्षा विभाग मिलकर संयुक्त रुप से तंबाकू मुक्त दिल्ली के लिए काम करेगें। यह फेसला स्वास्थ्य मंत्री के साथ दोनेां विभागों के अधिकारियों की बैठक में लिया गया है।
बैठक में चिकित्सा एंव स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने तंबाकू के सेवन से होने वाले कैंसर और युवाओं की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए इसके नियंत्रण के लिए खादय एंव सुरक्षा विभाग को अह्म जिम्म्ेादारी दी है। जिसके तहत तंबाकू नियंत्रण पर कार्य किया जायेगा। वंही इसकी प्रभावी रोकथाम के लिए कोटपा अधिनियम का पालन कराने के लिए खादय सुरक्षा विभाग की कमीश्नर डा.मृणाली दरसवाल को जिम्मेवारी दी गई है।
दिल्ली में 24.3 प्रतिशत (30 लाख 73 हजार 632) लोग किसी न किसी रुप में तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे है। किशोर उम्र के जो लड़के लड़कियां धूम्रपान करतें है,उनमें से 50 प्रतिशत लोग तंबाकू से जुड़ी बीमारियेां से पीडि़त होकर दम तोड़ देतें है। औसतन धम्रपान करने वाले व्यक्ति की आयु धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति की तुलना में 22 से 26 प्रतिशत तक घट जाती है। दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 81 नए तंबाकू उपभोक्ता तैयार होते हैं। वंही देश मंे रोजाना 5500 नये उपभोग करने वाले शामिल है। किशोरों में तंबाकू का सेवन शुरु करने की औसत आयु 17 साल है जबकि किशोरियों में यह आयु मात्र 14 साल है। यह बेहद गंभीर समस्या है कि प्रतिवर्ष लगभग 10 हजार 600 लोग तंबाकू के कारण समय से पहले मौत की शिकार हो जाती है। वंही देश में प्रतिदिन 3500 लोग इसकी वजह से मर रहे है।
मैक्स इंडिया फाउंडेशन की मोहिनी दलजीतसिंह बतातीं है कि वर्तमान में अस्पताल में प्रतिदिन तबंाकू से होने वाले मुंह, और गला कैंसर के रेागियेां की बाढ़ सी आई हुई है। दुःख की बात यह है कि अभी जो मरीज आ रहे है उनमें अधिकतर युवा है। जिनकी उम्र मात्र 15 साल से 35 के बीच है। पंहले जंहा 50 से अधिक उम्र के लेागेां में कैंसर होता था आज वंही 15 साल की उम्र में ही हो रहा है। यंहा जितने लोगेां में कैंसर की पहचान हो जाती है उनमें से अधिकांश एक साल के अंदर ही दम तोड़ देते है। इस तरह की जो स्थिति हेा रही वही चिंताजनक है। इसलिए सभी को इस मुहिम में साथ मिलकर काम करने की जरुरत है।
वंही भारत में प्रति दिन 5500 बच्चे रोज तम्बाकू का सेवन शुरू करते हैं। यह बहुत ही चिंताजनक हालात हैं। 90 प्रतिशत मुंह कैंसर और 40 प्रतिशत अन्य दूसरे तरह के कैंसर को बचपन में तंबाकू सेवन पर नियंत्रण कर रोका जा सकता है। सिगरेट और तम्बाकू उत्पाद निषेध अधिनियम,2003 की धारा 4 बच्चों को तम्बाकू उत्पादों से दूर रखेगी और इससे कैंपस में भी साफ सुथरा वातावरण बनेगा। अगर हम बचपन से ही बच्चों को तम्बाकू सेवन के खतरों के प्रति आगाह करें तो वे छोटे में तम्बाकू सेवन की शुरुआत करने वालों बच्चों की संख्या बहुत कम हेा जाएगी और इस तरह कैंसर को भी रोक पाएंगे।
संबध हैल्थ फाउंडेशन के ट्रस्टी संजय सेठ ने स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा लिए गए इस फेसले को सकारात्मक बताते हुए कहा कि खादय सुरक्षा विभाग को जो जिम्मेदारी दी गई है वह इसलिए महत्वपूर्ण है कि चबाने वाले तंबाकू उत्पाद भी इसी विभाग के अंदर आते है इसलिए अब इन पर प्रभावी कार्यवाही हेा पाएगी। जिससे दिल्ली के लेागों खासकर युवाअेां को इससे बचाया जा सकेगा। सरकार का यह महत्वपूर्ण निर्णय है जो कि लोगों की जिदंगी को भी सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में मदद करेगा।
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